महानगर में कोरोना को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर
6 दिसंबर बाद शुरु होगी सख्ती, प्रोटोकाल का पालन नहीं होने पर होगी कार्रवाई, सभी अस्पतालों में आईसीयू तैयार करने के निर्देश, बनाये जाएंगे छोटे छोटे कंटेनमेंट झोन
इंदौर। कोरोना महामारी की दो लहरों से जूझ चुके महानगर इंदौर में तीसरी लहर को लेकर आशंका बढ़ते जा रही है। कर्नाटक में ओमिक्रोन वेरिएंट मिलने के बाद महानगर इंदौर को लेकर स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। बताया जा रहा है कि ६ दिसंबर के बाद कोरोना मरीजों की स्थिति को देखते हुए प्रशासन सख्ती कर सकता है और प्रोटोकाल का पालन नहीं होने पर कार्रवाई भी की जायेगी। इतना ही नहीं दो गज की दूरी और मास्क जरुरी के लिए फिर काटे जाएंगे चालान।
उल्लेखनीय है कि पूरी दुनिया की तहत भारत भी कोरोना की चपेट में आया है और महानगर इंदौर ने भी कोरोना के वीभत्स तांडव का साक्षात्कार किया है। इस दौरान महानगर में हजारों लोग इस महामारी की चपेट में आ गये। इसके अतिरिक्त कई लोगों ने जान गंवाई है और अपनों को हमेशा हमेशा के लिए खोया है।अब एक बार फिर महानगर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। इसके चलते एक बार फिर शहर में लाकडाउन की चर्चा भी शुरु हो गई है। सूत्रों के मुताबिक कोरोना की दो लहरों से सबक लेकर अब स्थानीय प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। इसलिए वह अभी से अलर्ट मोड पर आ गया है। चार दिसंबर को पातालपानी में टंट्या मामा के मंदिर को स्मारक में परिवर्तित कर लोकार्पित किये जाने और उसके बाद ६ दिसंबर को महू में संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की जयंती समारोह के बाद स्थानीय प्रशासन कोरोना मरीजों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना प्रोटोकाल को लागू कर सकता है। इसके तहत जहां मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना, बार बार सेनेटाइजेशन करना जैसे नियमों का पालन कराया जाएगा। प्रोटोकाल का पालन नहीं करने पर चालानी जैसी कार्रवाई भी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक यदि कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जाती है तो महानगर के अस्पतालों के आईसीयू को तैयार करने के साथ ही क्षेत्रवाइस छोटे छोटे कंटेनमेंट झोन भी बनाये जाएंगे। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी गई है। यदि कोरोना की तीसरी लहर के पीक का अंदेशा नजर आया तो शहर में फरवरी के बाद लाकडाउन लगाये जाने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।