नया मास्टर प्लान यातायात को समर्पित हो

90 हजार हेक्टेयर में होगा नए मास्टर प्लान का एरिया, 30 लाख वाहन होंगे

इंदौर। एक ओर जहां पुराने मास्टर प्लान का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, वहीं, नए मास्टर प्लान की कवायद शुरू हो गई है। इस समय तेजी से बढ़ते हुए शहर और वाहनों की संख्या के लिए आने वाले मास्टर प्लान में सबसे ज्यादा जरूरत ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट की ही रहेगी। आने वाले समय में शहर में तीस लाख से अधिक वाहन सड़कों पर होने जा रहे हैं। वहीं, अभी तक लोक परिवहन का केवल 10 प्रतिशत ही उपयोग हो पा रहा है। ऐसे में शहर की सड़कों पर यातायात का भारी दबाव बनना तय है। अभी ही बायपास पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है। आने वाले समय में एमआर 4 पर अंतरराज्यीय बस स्टेंड और मेट्रो का स्टेशन भी बनने जा रहा है। अभी तक यह रोड 10 साल में भी खड़ा नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर रीगल तिराहे पर हर मिनट में एक हजार से अधिक वाहन आ रहे हैं, जो आने वाले समय में दो हजार से अधिक होंगे। ऐसे में यहां के लिए भी मास्टर प्लान में योजना बनानी होगी।
इस प्लान में 79 गांवों को करेंगे शामिल
वर्ष 2035 के लिए जो नया मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। उसने 90 हजार हेक्टेयर प्लानिंग एरिया को शामिल किया जाएगा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की मानें तो देवास, धार, पीथमपुर, इंदौर और महू के लिए प्लानिंग एरिया में एक साथ विकास किया जाएगा। इसी आधार पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग तेजी से काम कर रहा है। इंदौर के आसपास के 79 गांवों को भी इसमें शामिल किया जाना प्रस्तावित है। टीएनसीपी के डायरेक्टर एसके मुदगल ने बताया कि 2035 के मास्टर प्लान लागू होने के बाद इंदौर की निवेश सीमा मौजूदा 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाएगी।
अभी लगते हैं एक घंटे
शहर में यातायात का अत्यधिक दबाव होने के कारण अंतिम छोर से मुख्य बाजार और मार्ग तक पहुंचने में एक घंटे का समय लग जाता है। एमआर 4 पर आईएसबीटी और मेट्रो ट्रेन का स्टापेज तैयार होने से यातायात का दबाव ओर बनेगा। इस पर काबू पाने के लिए ट्रेफिक को नए मास्टर प्लान में शामिल कर ट्रैफिक ट्रांसपोर्ट तैयार करना होगा। रीगल तिराहे को लेकर भी योजना बनानी होगी।

योजनाओं के क्रियान्वयन में आएगी तेजी
इंदौर के साथ आसपास के पूरे क्षेत्र में एक साथ सरकार बड़ी योजनाओं को प्लान कर सकेगी। इस तरह की निवेश सीमा होने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आती है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और चेन्नई सहित अन्य महानगरों का विकास का निवेश एरिया आसपास के शहरों के मिलने के कारण मेट्रो इंडस्ट्रियल कारिडोर सहित अन्य योजना के सफलतापूर्वक पूरा किया जा रहा है। प्लानिंग एरिया मिलने का बड़ा फायदा यह भी होगा कि इंदौर के विकास में दोगुनी रफ्तार आएगी। महू, पीथमपुर, धार जैसे इलाकों में भी तेजी से विकास होगा। शहरों के प्लानिंग एरिया में समान लैंड व्यूज के कारण इंडस्ट्रीयल कारिडोर की प्लानिंग एवं अन्य आवागमन नई सड़कों के कारण आसान होगा।

You might also like