मालती वनस्पति की जमीन पर उद्योग ही लगाए, वरना तैयार रहे…

मनीष सिंह से मिलकर कारोबारी भयमुक्त और अभिभूत हो गए

इंदौर। जिला प्रशासन की जमीन की माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच कल रेडिमेड काम्पलेक्स के कारोबारी मालती वनस्पति की जमीन पर खरीदे गए औद्योगिक भूखंडों के व्यवधान को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह से मिले। इस दौरान कलेक्टर के इस प्रयास से लगभग सभी कारोबारी अभिभूत हो गए। उन्होंने कहा कि वे भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द यहां पर रेडिमेड की औद्योगिक इकाइयां काम करने लगे, जिससे बड़ी तादाद में रोजगार के अवसर नए बच्चों को तेजी से मिल सके। हालांकि इसी दौरान उन्होंने रेडिमेड कारोबारी एसोसिएशन के अध्यक्ष और डायरी पर करोड़ों रुपए के प्लाट बेचने वाले अध्यक्ष उमेश डेमला की जमकर लू उतारते हुए कहा कि अवैध धंधे और राजनीति करना बंद कर दे। वरना परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना। कारोबारियों ने कहा कि कलेक्टर ने जिस तरीके से उद्योगों को मदद करने का आश्वासन दिया है, उससे मालती वनस्पति की जमीन पर अब केवल कारोबार बसाने वाले ही बचेंगे। खरीदी-बेची वाले इन्वेस्टर अपने आप बाहर हो जाएंगे।
कल रेडिमेड काम्पलेक्स के कारोबारियों ने अपनी दिक्कतों को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह से मुलाकात की। इस दौरान कलेक्टर ने सभी की बात को पूरे इंतमान के साथ सुनने के बाद मालती वनस्पति की जमीन पर रेडिमेड कारोबारियों द्वारा उद्योग लगाने के लिए लिए गए प्लाटों के बारे में भी चर्चा की। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि आप डेवपलर से बात करें और जो भी तकनीकी खामियां है, हमने बता दी है। उसे जल्द से जल्द दूर करवाए। इसके बाद मैं आपकी पूरी मदद करूंगा। आप लोगों ने भी पांच साल से भूखंड खरीद रखे हैं और उद्योग स्थापित नहीं हो पाए हैं। सरकार की भी इच्छा है कि यहां पर तेजी से औद्योगिक विकास किया जाए। इससे इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर यहां मिल जाएंगे। चर्चा के दौरान यह भी बात चली की 2000 से ज्यादा नए बच्चों को रोजगार यहां मिल सकता है। कारोबारी भी कलेक्टर के सुझाव से बेहद प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर भी चाहते हैं कि इस जमीन की सभी तकनीकी खामियां दूर हो जाए। दूसरी ओर रेडिमेड काम्पलेक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और डायरी पर करोड़ों रुपए के प्लाट बेचने वाले दलाल उमेश डेमला भी साथ में थे। जिनकी कलेक्टर ने जमकर लू उतारी। साथ ही कहा कि फर्जी कामकाज बिल्कुल बंद कर दे और राजनीति करने की कोशिश न करे। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि कलेक्टर ने किन बिल्डरों के प्लाट डायरी पर बेचे हैं, यह बताने के लिए भी चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पास पूरी जानकारी है। मैं केवल आपके मुँह से सुनना चाहता हूँ। दूसरी ओर मालती वनस्पति के डेवपलर के सूत्रों का कहना है कि मालती वनस्पति का पुराना नक्शा रद्द किया जा चुका है। अब ऐसे में नया नक्शा ही लगाना होगा। हालांकि कलेक्टर के इस प्रयास से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पूरा औद्योगिक क्षेत्र एक प्रकार की बिल्डिंगों से ही बना हुआ दिखाई देगा। इस जमीन पर बड़ी तादाद में इन्वेस्टरों ने प्लाट खरीद रखे हैं, जिनका उद्योगों से कोई लेना-देना नहीं है।
कलेक्टर के इस निर्णय से जहां इन्वेस्टर अपने आप ही बाहर हो जाएंगे, वहीं मूलत: उद्योग चलाने वाले ही यहां पर स्थापित होंगे। इधर मालती वनस्पति की जमीनों पर इन्वेस्टरों ने भाव बढ़ाकर 2000 से अब 5000 तक पहुंचा दिए हैं, परन्तु अब यहां केवल बिल्डिंग की ही रजिस्ट्री की जाएगी। इससे इन्वेस्टरों को कोई लाभ नहीं होगा। साथ ही उद्योग लगाने वाले ही यहां पर अपना कामकाज तेजी से प्रारंभ कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि रेडिमेड काम्पलेक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्रापर्टी के दलाल उमेश डेमला ने 20 लाख फीट से ज्यादा का माल डायरियों पर ही बिकवाया है। इसमें कल भी एडीएम कोर्ट में डायरियों का हिसाब मांगा गया था, परन्तु डेमला ने अभी तक कोई हिसाब नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि डेमला ने महेन्द्र अग्रवाल और अशोक ऐरन का माल बेचा है। इसके अलावा नैनोद में सुरेश ठाकुर का माल भी बेचा है। सभी दलाल एडीएम कोर्ट में सौदों की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। अब 25 नवंबर तक का अंतिम समय दिया गया है। इसके बाद 2 से 3 बिल्डरों पर और दलालों पर बड़ी कार्रवाई होना तय है। उमेश डेमला से जब रिकार्ड प्रस्तुत करने को कहा तो उन्होंने कहा कि सौदों के बाद हमारे पास रिकार्ड नहीं है। हमारे किस काम का नहीं था, इसलिए हमने फेक दिया था। इस पर एसडीएम राजेश राठौर ने कहा कि हमें इससे कोई मतलब नहीं है। आप कहीं से भी जानकारी जुटाकर 25 नवंबर को उपस्थित हो। कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। आनाकानी पर जमकर फटकार भी लगाी है।
उल्लेखनीय है कि शहर में डायरियों पर ही 600 करोड़ से ज्यादा का माल बेचा गया है। इसमें उमेश डेमला, आनंद लखोटिया और संजय मालानी ने ही केवल 35 लाख फीट माल बेचा है। इसमें शहर के नामी गिरामी बिल्डर भी शामिल है। खंबाती ग्रुप, क्रिस्टल बेली बायपास पर अभी भी डायरियों पर ही बुकिंग कर रहे हैं। जबकि खंबाती क्लाथ मार्केट की जमीन पर पहले भी दोषी पाए गए है। इधर बगलामुखी मंदिर पर कालोनियों की बाढ़ आई हुई है। दैनिक दोपहर अगले कुछ दिनों में इंदौर में जमीनों का अब तक का सबसे बडा फर्जीवाड़ा उजागर करने जा रहा है, जिसमें 20 एकड़ निजी जमीन के अलावा 80 एकड़ ऐसी जमीन पर कालोनी काट दी गई है, जिस पर व्यवस्थापक के नाम पर कलेक्टर का नाम चढ़ा हुआ है।

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