अब डायरियों का कारोबार समाप्त स्वीकृत रेरा प्रोजेक्ट में खरीदी बढ़ी

मनीष सिंह के प्रयास रंग लाने लगे

इंदौर। पिछले 10 दिनों से शहर में डायरियों पर बिना स्वीकृति किए जा रहे सौदों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई कार्रवाई का असर अब दिखने लगा है। इधर प्रशासन ने भी डायरियों पर कारोबार करने वाले कालोनाइजरों के लायसेंस और अनुमतियां रद्द करने का निर्णय भी ले लिया है। वहीं दूसरी ओर अब अपंजीकृत दलाल शहर में प्रापर्टी का कारोबार नहीं कर सकेंगे। जिला प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई का असर शहर में दिखाई देने लगा है। स्वीकृत रेरा प्रोजेक्ट में खरीदी और देखने का क्रम पिछले आठ दिनों से बढ़ गया है। माना जा रहा है कि अगले एक माह में स्वीकृत प्रोजेक्ट में अच्छी खरीदी होगी।
इंदौर में 600 करोड़ से अधिक का डायरी कारोबार अब पूरी तरह उलझ गया है। डायरियो ंपर बेचे गए भूखंड लंबे समय तक अब उलझे रहेंगे। जिन जमीनों पर यह प्रोजेक्ट लाए जा रहे थे, उनके नक्शे जिला प्रशासन के पास मौजूद है और इन सभी पर विकास अनुमति अभी मिलना संभव नहीं होगी। इधर डायरियों पर पिछले 20 दिनों से कामकाज पूरी तरह समाप्त हो चुका है। डायरियों का कामकाज समाप्त होने के बाद बड़ी तादाद में लोग स्वीकृत रेरा प्रोजेक्ट की ओर झुके है। इस मामले में क्रेडाइ के सचिव संदीप श्रीवास्तव ने भी कहा कि प्रशासन की कार्रवाई के बाद शहर में लोगों का झुकाव अब स्वीकृत प्रोजेक्ट की ओर हुआ है। पिछले 10 दिनों में 2000 से अधिक लोग अलग-अलग प्रोजेक्ट को देखने के लिए पहुंचे हैं। इनमें से कुछ लोग खरीद भी रहे हैं। यह एक अच्छा प्रयास है। दूसरी ओर रियल स्टेट रेगुलेटरी अथारिर्टी (रेरा)में 250 रियल स्टेट एजेंट ही पंजीकृत है, जबकि हर गली में प्रापर्टी का कारोबार करने वालों ने अपनी दुकानें खोल रखी है। जिला प्रशासन अब ऐसे सभी अपंजीकृत ब्रोकरों के खिलाफ कार्रवाई करना प्रारंभ करेगा। प्रथम चरण में रेरा में पंजीयन कराने के लिए निर्देशित किया जाएगा। डायरियों पर किए जा रहे सौदों को लेकर जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अब एक भी प्रकरण यदि पाया गया तो सख्त कार्रवाई बिल्डरों को भोगना होगी। वहीं बिना पंजीकृत ब्रोकर ही डायरियों में सौदे करवा रहे थे, अब इन पर भी मुकदमे दर्ज करवाने को लेकर निर्णय लिया गया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने भी कहा कि शिकायत मिलने पर कालोनाइजर के नक्शों की स्वीकृत पर रोक लगाते हुए लायसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी की जाएगी। दूसरी ओर आयकर विभाग ने डायरियों पर हुए सौदे के बाद अपने स्तर पर डायरियों की जानकारी लेना प्रारंभ की है। इस मामले में हुंडी के एक दलाल के पास ही 100 से अधिक डायरियां होने की सूचना के बाद कुछ और बड़े सौदों की जांच प्रारभ की जा रही है।

You might also like