गलती सुधारने का एक ही मौका दूंगा, बस- मनीष सिंह

करोड़ों की आयकर चोरी भी अब उजागर होगी डायरी कारोबार में

इंदौर। शहर में डायरियों पर 40 लाख फीट से ज्यादा का माल बेचने वाले शहर के तमाम दलाल अब उलझते जा रहे हैं। एक ही दलाल ने नकद में 200 करोड़ का माल बेचा है। इस पर 5 प्रतिशत तक दलाली नकद ही मिलती है। यानी 3 महीनों में एक दलाल ने 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। इसके अलावा दूसरे छोटे दलाल भी तीन प्रतिशत दलाली के साथ डेढ़ से दो करोड़ रुपए तक दलाली ले चुके हैं, तो वहीं शहर के नामी-गिरामी तमाम बिल्डर 600 करोड़ रुपए अपने पास समेट चुके हैं। प्रारंभिक पूछताछ और जानकारी बता रही है कि इसी शहर में करोड़ों रुपए की कर चोरी आयकर विभाग के सामने हो गई और विभाग सोया रहा। इधर कलेक्टर मनीष सिंह ने कल ब्रोकरों और बिल्डरों की हुई बैठक में दो टूक कहा कि सभी को गलती सुधारने का एक मौका पूरी तरह दिया जाएगा, परन्तु इसके बाद दूसरी बार यही गलती हुई तो सजा मिलना तय है। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि शहर के संभ्रांत नामी-गिरामी बिल्डर भी इस अवैध धंधे में उतर गए हैं।


कल डायरियों पर 600 करोड़ रुपए से ज्यादा का माल बेचने वाले 9 दलालों में से 7 दलाल अपर कलेक्टर के सामने पेश हुए। जहां पर उन्होंने स्वीकार किया कि कम से कम 22 करोड़ और अधिक से अधिक 30 करोड़ की संपत्तियां पिछले चार महीनों में बेची गई है। आयकर विभाग को इस मामले में कोई जानकारी अभी तक नहीं है। इसमें से सबसे ज्यादा माल बेचने वाले उमेश डेमला को जेल पहुंचाया गया है। सबसे पहले दैनिक दोपहर ने ही इन सभी दलालों के नाम के साथ यह जानकारी दी थी कि किसने किस बिल्डर का कितना माल बेचा है। सवाल उठ रहा है कि इन दिनों शहर में इतनी तेजी कैसे आ रही है? जमीनों के कारोबार में 3 से 4 गुना पैसा एकत्र हो रहा है।
जो जानकारी मिली, वह बता रही है कि शहर में 50 से अधिक हुंडी का कारोबार करने वाले अब अपना पैसा डूबने के बाद हुंडी पर पैसा देने को शहर में तैयार नहीं है। ऐसे में ऐसे तमाम हुंडी कारोबारी डायरियों पर थोक में माल खरीद रहे हैं। वे दलालों से एक ही बात कर रहे हैं, फायदे का सौदा बताओ। हाथों हाथ नकद देंगे। इनमें से दो हुंडी कारिबारियों ने एक लाख फीट से ज्यादा का माल अलग-अलग जगह उठा लिया है। कम से कम 30 हजार वर्गफीट माल भी उठा है। इन सभी कारोबार में शहर के बिल्डरों के पास कम से कम 500 करोड़ रुपया नकद पहुंचा है।
एक ही जमीन कारोबारी ने जो शहर में बड़े ब्रांड के नाम से जाने जाते हैं, एक ही दिन में 80 करोड़ रुपए नकद एकत्र कर लिया है। उन्होंने डायरियों पर ही बायपास पर यह माल बेचा है। हालांकि अभी वे सुरक्षित है। क्योंकि उनका नाम सामने नहीं आया है। दूसरी ओर सारा कारोबार नकद का होने के बाद कल जिलाधीश कार्यालय में चली बैठक में ब्रोकरों और रेरा के पदाधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी की डायरियों का कारोबार पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। जिलाधीश मनीष सिंह के सख्त तेवर देखते हुए यह माना जा रहा है कि इनमें से अब छोटे रूप में डायरिया बेचने वाले शहर से नदारद होना शुरू हो गए है। बैठक के बीच में यह बात भी उठी कि इतने बड़े लेनदेन की भनक आयकर विभाग को क्यों नहीं हुई? यह इस साल की सबसे बड़ी टैक्स चोरी का मामला है। आयकर विभाग केवल उमेश डेमला से ही पूछताछ प्रारंभ करेगा, तो 400 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन नकद में दो बिल्डरों के यहां ही दिख जाएगा। जमीनों के इस खेल में डायरियों के कामकाज के बाद अब पूरी ताकत टीएनसी के लिए शहर के जमीन कारोबारी शुरू करने वाले हैं और इसी के साथ डायरियों पर बेचे गए प्लाटों की कीमत दुगुनी हो जाएगी।

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