बाजार से पहले पंजीयन कार्यालय में बूम

नवरात्रि के दो दिन में 625 से अधिक रजिस्ट्री 17.05 करोड़ का स्टाम्प ड्यूटी व अन्य शुल्कों से मिला

इंदौर। नवरात्रि में बाजार में बूम आने के पहले जिला पंजीयन कार्यालय में धन की बारिश हो गई। मात्र दो दिन में ही 625 से अधिक सम्पत्तिधारकों ने रजिस्ट्रियां कराई। रजिस्ट्री में लगे स्टाम्प व अन्य शुल्कों से पंजीयन विभाग को 17.05 करोड़ की आमदनी हुई। नवरात्रि के दो दिन में पहली बार इतना अधिक लाभांश सरकार को मिला है। जबकि, इस साल के तीन माह कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुआ था। शासकीय विभागों में तालाबंदी थी। सबसे पहले पंजीयन कार्यालय को ही खोला गया था।
जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे ने बताया कि आमतौर पर अक्टूबर से दिसम्बर माह तक सम्पत्तियों की खरीदी-बिक्री अधिक मात्रा में होती है। दशहरा, दीपावली, धनतेरस पर अपेक्षा से अधिक लोग आते हैं। अक्टूबर माह की एक तारीख से अब तक जिलेभर में 15 हजार से अधिक रजिस्ट्री हुई। लगातार सम्पत्तिधारक स्लाटों को बुकिंग करा रहे हैं। इसी तरह बुकिंग का सिलसिला चलता रहा तो अवकाश के दिनों में भी पंजीयन कार्यालय को खुला रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के बाद तालाबंदी का शिकार हुए पंजीयन कार्यालय के ताले जुलाई माह के अंत में खुल गए थे। तब महिला सम्पत्तिधारकों को पंजीयन कराने में 2 प्रतिशत की छूट दी थी।
एक टच से मिलेगी जानकारी
शहर की किस सम्पत्ति की क्या वस्तुस्थिति है, वहां की गाइड लाइन क्या है, किस फ्लैट, जमीन, मकान की साइज के हिसाब से पंजीयन शुल्क का निर्धारण क्या होगा, इस तरह की कई अन्य जानकारियां भी 15 अक्टूबर से एक टच में मिल जाएगी। इसके लिए पंजीयन कार्यालय एक टैग लाइन तैयार कर रहा है। यह नई सुविधा मिलने से पंजीयन कार्यालय में जानकारी लेने आने वालों को काफी राहत मिल सकेगी। प्रदेश में यह अपने तरीके का नया प्रयोग माना जा रहा है।
दीवाली पर छूट की तैयारी
पंजीयन कार्यालय के सूत्रों की मानें तो घरेलू आयटमों की तरह रजिस्ट्री को लेकर भी कुछ छूट देने की तैयारी है। छूट का निर्धारण शासन स्तर पर होगा। संभवतया सम्पत्ति धारकों को एक से डेढ़ प्रतिशत की छूट मिल सकेगी। यह छूट केवल दीवाली के लिए ही तय की जाएगी।
सोना-चांदी में भी रहा उठाव
सम्पत्तियों के पंजीयन के बाद सराफा बाजार में ग्राहकों का बोलबाला रहा। श्राद्ध पक्ष के पहले सर्वार्थ सिद्धि योग में सराफा बाजार में खरीदारी का जबरदस्त दौर चला। करीब 2 करोड़ से अधिक का कारोबार एक ही दिन में हो गया। 7 सितम्बर को नवरात्रि पर्व की शुरुआत होते ही बाजारों में सजावट का दौर शुरू हो गया। नवरात्रि में इलेक्ट्रानिक, आटोमोबाइल, कपड़ा, सोना-चांदी व अचल सम्पत्तियों की बिक्री अधिक होती है। अन्य बाजारों में तो अभी ग्राहकी नगण्य बनी हुई, इन बाजारों में दशहरे का बाद तेजी आएगी। लेकिन सराफा बाजार ग्राहकों से अछूता नहीं रहा। नवरात्रि के पहले ही दिन सराफा में जमकर धन की बारिश हुई।

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