पाकिस्तान के 150 परमाणु हथियारों पर कब्जे की ताक में तालिबान
कंधार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में दिए अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर आतंकवाद को लेकर जो आशंका जाहिर की थी, उसे अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकृति मिलना शुरु हो गई है। अफगानिस्तान में बनी जिस तालिबान की सरकार को पाकिस्तान अपना सबसे बड़ा हमदर्द समझ रहा है,वह सिर्फ उसकी ही नहीं बल्कि दुनिया के कई मुल्कों की तबाही का कारण बन सकता है।
हो सकता है कि पाकिस्तान इस चेतावनी का मखौल उड़ाये लेकिन अमेरिका के सबसे ताकतवर सुरक्षा विशेषज्ञ ने आगाह कर दिया है कि वो दिन दूर नहीं, जब पाकिस्तान के 150 परमाणु हथियार तालिबान के कब्जे में होंगे। जिस दिन ऐसा हो गया,तब क्या होगा, इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में जॉन बोल्टन उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) थे.उन्होंने वहां के एक रेडियो चैनल को दिए इंटरव्यू में ये चिंता जताई है कि तालिबान अब पाकिस्तान और उसके परमाणु हथियारों को अपने कब्जे में ले सकता है। हालांकि इसके लिए उन्होंने बाइडेन सरकार के अफगानिस्तान निकासी अभियान को जिम्मेदार ठहराया है। उनके मुताबिक जिस जल्दबाजी में वहां से सेना को निकाला गया, उतनी ही तेजी से तालिबान ने देश पर कब्जा किया, लेकिन अब बड़ा खतरा ये है कि यही तालिबान दूसरे आतंकी संगठनों के सहयोग से पाकिस्तान पर भी कब्जा कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान पर कब्जा हो जाता है, तो इसका मतलब है कि 150 परमाणु हथियार तालिबान के पास होंगे। बोल्टन ने ये आशंका इसलिए भी जताई है क्योंकि अफगानिस्तान से विदेशी सेना के निकलते ही तालिबान ने वहां मौजूद अमेरिका निर्मित हथियारों और सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया है।