जिस कमरे में मिला शव, उसमें कभी सोते ही नहीं थे महंत

नरेंद्र गिरि मौत मामले में नया मोड़

प्रयागराज। प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल जिस कमरे में फंदे से लटकता हुआ महंत का शव मिला, वह उसमें कभी सोते ही नहीं थे। इसके अलावा उस कमरे से अटैच बाथरूम का एक दरवाजा बाहर की ओर भी खुलता है। ऐसे में भीतर से लॉक रहने के बावजूद उस कमरे से कोई भी बाहर निकल सकता है। ऐसे में महंत की मौत की गुत्थी और भी उलझ सकती है।
महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटकता शव मठ परिसर में मीटिंग हाल के ठीक सामने वाले कक्ष में मिला था। कहा जा रहा है कि महंत का शयन कक्ष बाघंबरेश्वर महादेव मंदिर की पहली मंजिल पर था। उसी में वह सोते और आराम भी करते थे। जिन कमरे में उनका शव मिला, उसमें वह रहते नहीं थे। खुफिया विभाग की टीम ने भी जब उस कमरे की पड़ताल की तब पता चला कि उस कक्ष से अटैच बाथरूम का एक दरवाजा ऐसा भी है, जो बाहर की ओर खुलता है। ऐसे में कक्ष का दरवाजा भीतर से बंद रखने के बाद भी कोई व्यक्ति वहां से बाथरूम के रास्ते से बाहर निकल सकता है। ऐसे में नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर सवाल उठना लाजिमी है। रामजन्मभूमि विवाद के पक्षकार रहे निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत धर्मदास मंगलवार को नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए जब पहुंचे, तब उन्होंने भी इसका जिक्र किया। महंत धर्मदास का कहना था कि जिस कमरे में उनका शव मिला है, उसमें वह कभी नहीं सोते थे। महंत धर्मदास का कहना था कि उनकी हत्या कर शव को वहां लाकर लटकाया गया।

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