सर्वे: पेट्रोल की कीमतों ने हर दूसरे परिवार की खुशी छीनी
नई दिल्ली ब्यूरो। कल जीएसटी काउंसिल की बैठक पेट्रोल डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए जहां हो रही हैं वहीं दूसरी ओर एक सर्वे के अनुसार पेट्रोल डीजल की बड़ी हुई कीमतों ने हर दूसरे परिवार के मनोरंजन और खुशी के खर्च में भारी कटौती करना बताया है। 77 प्रतिशत परिवार मानते हैं कि पेट्रोल डीजल को जीएसटी में शामिल कर कीमतों में कमी करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पेट्रोल डीजल पर 55 प्रतिशत टैक्स लग रहा है और सरकार ने पहली तिमाही में ही आम लोगों की जेब से 3 लाख करोड़ से ज्यादा निकाल लिए हैं। जबकि पेट्रोल डीजल से सरकार पूरे साल में तीन लाख करोड़ रुपए टैक्स के रूप में वसूलती थी। जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल 75 रूपए और डीजल 68 रूपए लीटर हो जाएगा।
कल होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक मेें 28 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हो रहे हैं जिसमें इस पर फैसला होना है। हांलाकि राज्य इसके लिए सहमत नहीं होंगे क्योंकि उनके पास अब आय का दूसरा कोई साधन नही बचा है। इधर एक न्यूज चैनल ने किए सर्वे में पाया कि हर दूसरे परिवार ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के चलते अपने कई खर्च में कटौती की है। इसमें खासकर मनोरंजन और परिवार की खुशी पर होने वाले खर्च भी शामिल है। इधर सर्वे में यह भी जानकारी मिली कि परिवारों के खर्च में कम से कम 1 हजार रूपए की वृद्धि हो गई है। जबकि आय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। 77 प्रतिशत परिवार पेट्रोल डीजल में तत्काल राहत चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार के भारी भरकर टैक्स के चलते पिछले कोरोना महामारी काल में भी 12 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि लोगों के लिए उस वक्त निकाली गई जब आय के साधन नहीं के बराबर थे। कच्चे तेल की कीमतें भी तेल देशों में स्पर्धा के चलते अभी भी 74 डालर प्रति बैरल के आस-पास बनी हुई है।