गली-मोहल्लों में चार कमरों में खोले गए नर्सिंग होम बंद होंगे

अगले सप्ताह नया एक्ट जारी होगा, एक डॉक्टर एक अस्पताल में ही सेवाएं दे सकेगा

भोपाल (ब्यूरो)। मध्यप्रदेश में गली-मोहल्लों में दो से चार कमरों में चल रहे नर्सिंग होम जल्द बंद होने वाले हैं। अगले सप्ताह इसके लिए नया एक्ट जारी होगा जिसमें एक डॉक्टर एक अस्पताल में ही सेवाएं दे सकेगा। पर्यावरण के नियमों का पूरी तरह पालन करना होगा।
मध्यप्रदेश में इस समय 9000 से ज्यादा छोटे-बड़े प्रायवेट नर्सिंग होम और क्लिनिक हैं जिनमें से 400 तो अकेले भोपाल में ही हैं। राज्य सरकार अब नया नर्सिंग होम एक्ट ला रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए बकायदा प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को भेज दिया है। मंत्री का अनुमोदन मिलते ही अगले सप्ताह नए एक्ट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही वर्तमान एक्ट पूरी तरह निष्प्रभावी हो जाएगा। जानकारी के अनुसार नए नर्सिंग एक्ट में पुराने एक्ट के मुकाबले बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे निजी नर्सिंग होम में मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ेगी वहीं दो से चार कमरों में बिना मूलभूत सुविधाएं के खुल रहे नर्सिंग होम पर रोक लगेगी, इससे डॉक्टर और नर्सों को भी काम करने का बेहतर माहौल मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि निजी अस्पतालों में मरीजों को अच्छा और सस्ता इलाज मिल सके इसके लिए प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में इस समय 9 हजार से ज्यादा छोटे-मोटे नर्सिंग होम और क्लिनिक जो दो से चार कमरों में संचालित हो रहे हैं। खास तौर से ग्रामीण क्षेत्रों में कई झोलाछाप डॉक्टरों ने क्लिनिक संचालित कर रखे हैं, जिनमें कई बार मरीजों के जीवन से भी खिलवाड़ किया जाता है। केस बिगड़ने पर वे शहरों की तरफ रैफर करने की सलाह दे देते हैं। नया एक्ट आने के बाद ऐसे छोटे-मोटे क्लिनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों की सेवाओं पर भी रोक लग सकेगी।

नए एक्ट के प्रावधान
= तय प्लाट की सीमा में ही नर्सिंग होम खुलेंगे।
= हर कहीं दो से चार कमरे के कक्ष में नर्सिंग होम नहीं खुल पाएंगे।
= वर्तमान में संचालित नर्सिंग होम को भी नए एक्ट का पालन करना होगा।
= पर्यावरण के नियमों का भी शत-प्रतिशत पालन करना होगा।
= बेड के हिसाब से डॉक्टर व नर्स की संख्या तय होगी।

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