अरबपतियों को डेढ़ लाख करोड़ की छूट, गैस सिलेंडर पर बिना सूचना सब्सिडी खत्म कर 27000 करोड़ रुपए सरकार ने बचाए

मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में गैस टंकियों के दाम दुगने से भी ज्यादा बढ़े

नई दिल्ली (दोपहर आर्थिक डेस्क)। केन्द्र की मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में गैस सिलेंडरों की कीमत दुगनी हो गई, तो दूसरी ओर इस पर मिलने वाली सब्सिडी भी अब खत्म हो गई है। सिलेंडर के भाव नवंबर तक 1000 के पार हो जाएगी। अप्रैल 2014 तक सरकार गैस सिलेंडर पर 567 रुपए की सब्सिडी खातों में ट्रांसफर करती थी। सरकार ने हर परिवार की जेब से हजारों रुपए छीनकर 27 हजार करोड़ की सब्सिडी समाप्त कर अपना खजाना भर लिया है, तो दूसरी ओर धनाड्य कॉर्पोरेट घरानों को डेढ़ लाख करोड़ की टैक्स में छूट दी है। ताजा सर्वे में हर परिवार पर महंगाई की मार के चलते 3000 रुपए तक का खर्च हर माह बढ़ गया है। देश के 60 करोड़ से अधिक परिवारों में घरेलू गैस का इस्तेमाल होता है। सरकार ने बिना किसी सूचना के गैस सिलेंडर पर मिल रही सब्सिडी को समाप्त कर दिया है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें अभी भी 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ही बनी हुई है। पिछले साल मई से खातों में आ रही सब्सिडी धीरे-धीरे बंद हो गई। सरकार ने आम लोगों की जेब से इस संकट में भी अपना खजाना भरना जारी रखा। 27 हजार करोड़ रुपए लोगों की जेब से निकलकर सरकार के खातों में जमा हो गए। अप्रैल 2014 तक 567 रुपए सब्सिडी मिलती थी, 2018 में 434 रुपए सब्सिडी रही और अब सब्सिडी पूरी तरह समाप्त हो गई है। गैस सिलेंडर के भाव 7 साल में दुगने हो गए हैं। इसका असर आम आदमी की जेब पर भी दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां हर आम परिवार इस सब्सिडी के खब्त होने से व्यथिथ है तो दूसरी ओर अरबपतियों की कई कंपनियों के कॉर्पोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत की कटौती से सरकार पर डेढ़ लाख करोड़ का बोझ बढ़ेगा। इनमें कई महारत्न कंपनियां भी शामिल हैं। 28 साल में यह सबसे बड़ी कटौती है। दूसरी और इस साल सब्सिडी भी खत्म होना हर आम आदमी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उज्जवला योजना फ्लॉप मुफ्त में महिलाओं को दिए गए गैस कनेक्शन के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि अब उज्जवला योजना में गैस सिलेंडर उठने की संख्या 10 प्रतिशत के आसपास ही बची हुई है। यदि सिलेंडर 1000 रुपए के भाव हुए तो और गिरावट दर्ज होगी।

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