वायरल फीवर का कहर: एकाएक चालीस प्रतिशत मरीज बढ़े, हर घर में अनुमानित एक मरीज

तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच सावधानी की कवायद

इंदौर। इन दिनों पूरा शहर वायरल फीवर की चपेट में है और स्थिति यह है कि लगभग हर दूसरे तीसरे घर में एक मरीज सर्दी-खांसी, बदनदर्द, एठन, सिरदर्द से परेशान है और इन दिनों सिर्फ शासकीय अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही ऐसे मरीज नहीं देखे जा रहे हैं बल्कि निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में ऐसे मरीज इलाजरत है। वैसे इसके अलावा शहर में डेंगू का प्रकोप भी छाया हुआ है और डेंगू से प्रभावितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। यदि समय रहते एक बार फिर लोगों ने भी जागरुकता का परिचय नहीं दिया तो तीसरी लहर ऐसे ही स्थितियों पर सवार होकर आयेगी।
इन दिनों शहरवासी वायरल फीवर की जकड़न में हैं। वायरल फीवर ने ना कि उन्हें बीमार कर रखा है बल्कि उनकी परेशानी भी बढ़ा रखी है और जेब पर भी बोझ बढ़ा दिया है। दवाईयों पर लोगों का अच्छा खासा पैसा खर्च हो रहा है। वहीं अस्पताल के बिल भी उनकी दिक्कतें बढ़ा रहे हैँ। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की बात पर यकिन किया जाए तो इन दिनों वायरल फीवर का जबर्रदस्त कहर और असर देखने को मिल रहा है। लगभग हर दूसरे, तीसरे घर में लोग इस बिमारी से प्रभावित है। किसी को सरदर्द खूब हो रहा है तो खांसी से परेशान है। कोई बदन टूटने का इलाज करवा रहा है। तो सर्दी ने लोगों को गर्म वातावरण में भी बिमार कर दिया है। इन दिनों शासकीय अस्पतालों से लगाकर निजी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्स्थ्य केंद्रों में भी इन बिमारियों से प्रभावित मरीजों की अच्छी खासी संख्या इलाजरतों के रुप में देखी जा रही है। छोटे अस्पतालों में तो इसी बिमारी से प्रभावित लोगों के बेड भरे पड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों का कहना है कि इस वक्त लगभग आधे शहर के लोग किसी न किसी रुप में कुछ कम और कुछ ज्यादा इन बिमारियों से प्रभावित होकर इलाज करवा रहे हैं। लगभग चालीस प्रतिशत लोग वायरल फीवर की चपेट में है।
कोरोना की तीसरी लहर की बढ़ सकती सक्रियता
जैसा की सभी जानते है कि कोरोना वायरस की सक्रियता और संक्रमण के चलते वैसे ही शहर में बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में समा चुके हैं और इलाजरत होकर घर भी लौट चुके हैं। जब कोरोना वायरस से संबंधित बिमारी अपने फूल फार्म में थी तब लोगों ने जागरुकता का परिचय दिया था लेकिन अब एक बार फिर लोगों ने लापरवाहियां अपनाना आरंभ कर दी है और कोविड १९ की गाइडलाइन को दरकिनार कर भीड़ भरे इलाकों में आना जाना शुरु कर दिया है तथा सोश्यल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसी ही लापरवाही मास्क नहीं लगाने के मामले में भी देखी जा रही है तो सेनेटाइजर का उपयोग भी लगातार कम होता जा रहा है। इन सबका असर यह हो रहा है कि इससे एक बार फिर कोरोना वायरस की सक्रियता बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है और यदि लोगों ने एक बार फिर जागरुकता का परिचय नहीं दिया तो इसके गंभीर परिणाम तीसरी लहर के रुप में कभी भी सामने आ सकते हैं। हो सकता है वायरल फीवर और डेंगू पर सवार होकर ही कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ जाए?
हर घर में एक संक्रमित….
इस वक्त यह देखने में आ रहा है कि हर घर में कोई न कोई वायरस फीवर और मौसमी बिमारियों से पीड़ित तथा प्रभावित है और इसी एक व्यक्ति के कारण पूरे परिवार को न कि परेशानियां भुगतनी पड़ रही है बल्कि चपेट में आने के बाद घर में ही मरीजों की चेन बन रही है। स्थिति यह है कि एक मरीज अच्छा होता है तो दूसरा प्रभावित होकर मरीज में तब्दील हो जाता है। यानि घर के साथ साथ आसपासवाले भी संक्रमित होने से बच नहीं पा रहे हैं।
मरीज और परिजनों की जेब हल्की
वायरल फीवर और मौसमी बिमारियों का असर इस कदर देखा जा रही है कि इसने लोगों के घरों का आर्थिक बजट भी बिगाड़ना शुरु कर दिया और लोगों को इस आर्थिक तंगी के दौर में अपनी आय का एक हिस्सा इलाज पर भी खर्च करना पड़ रहा है कहीं डॉक्टर की फीस चुकानी पड़ रही है और कहीं दवाईयां खरीदनी पड़ रही है और अस्पताल का बिल भी अदा करना पड़ रहा है। मौसमी बिमारियां और वायरल फीवर लोगों की जेब हल्की करते उनका तनाव बढ़ा रहा है।
डेंगू का कहर जारी…
इधर मौसमी बिमारियों के साथ साथ डेंगू ने भी कहर ढाह रखा है। पिछले लगभग डेढ़ माह में लागातार इसके मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। पहले एक मरीज मिला था और उसके बाद दो मरीज और मिले। इसके पश्चात एक साथ छह मरीज मिले इसप्रकार लगभग पचास मरीज डेंगू से भी प्रभावित होकर निजी और शासकीय अस्पतालों में इलाजरत है। अभी कोविड १९ की गाइडलाइन के बीच और कोरोना वायरस की सक्रियता के चलते जैसे तैसे हम संभले थे लेकिन डेंगू ने भी कोरोना के साथ मिलकर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

You might also like