सरकारी स्कूलों की जमीनों पर अवैध कब्जे हटवाने की प्लानिंग धराशायी…?
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षा माफिया और असामाजिकतत्वों की सक्रियता खत्म की
इंदौर (संजय नजाण)। मेरे अल्प अतिरिक्त दायित्व वाले कार्यकाल में मुझसे जितना बन सका मैंने कोशिश की। मैंने एक नये प्रकार का वर्क कल्चर डेवलप करने का प्रयास किया। मुझे यह भी देखने में आया कि शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद उन्हीं के अधिकार के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। वहीं अनुकंपा नियुक्ति और सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी भी मुझे खलती थी। इसलिए मैंने अपनी टीम के संयुक्त प्रयास से तमाम लंबित मामले डिस्पोजल की स्टेज तक पहुंचाये। इंदौर के सरकारी स्कूलों की जमीनों पर जो कब्जे हैं उससे संबंधित कार्य मैं नहीं कर पाया इसका मुझे जरुर मलाल रहेगा लेकिन देपालपुर एसडीएम होने के नाते यह कार्य मैं वहां जरुर करूंगा। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षा माफियाओं पर मैने और मेरी टीम ने जो नकेल कसी है असामाजिक तत्वों का यहा प्रवेश और सक्रियता को लगाम लगाई है इसे नवागत जिला शिक्षा अधिकारी को मेंटेन करना चाहिए। यह बात इंदौर के जिला शिक्षा अधिकारी जिन्हें कि इसका अतिरिक्त दायित्व था देपालपुर एसडीएम रविकुमार सिंह ने नवागत जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास को अधिभार सौंपते हुए कही।
रविकुमार सिंह ने बताया कि जब उन्होंने चार्ज लिया था जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कामकाज पटरी पर नहीं था। कुछ विसंगतियां थी उन्होंने शुरुआत में इन सब चीजों का अध्ययन किया और विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रयास शुरु किये। शुरुआत में कुछ दिक्कतें भी थी ऐसे समय में उन्होंने काम करने वाले समर्पित और पेंडेंसी रखने वाले कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली और उसके बाद एक रोडमैप बनाकर काम शुरु किया तो इंदौर में रिकार्ड अनुकंपी नियुक्तियां हुई। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लंबित प्रकरणों का निपटान हुआ। सीएम हेल्प लाइन के ५६२ प्रकरण गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरी संतुष्टी के साथ निपटाये गये। इसके अलावा जो जरुरी आवश्यक कार्य थे उन्हें प्राथमिकता के साथ निपटान किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षा माफिया और असामाजिक तत्वों की काफी सक्रियता रही। इसे प्रतिबंधित करना भी एक अच्छा प्रयास रहा। कलेक्टर मनीष सिंह के मार्गदर्शन में हम लगातार इंदौर के हजारों शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों की जमीनों का अवैध कब्जे को लेकर बड़ी प्लानिंग पर काम कर रहे है। इसी बीच यह दायित्व धार से आये नवागत जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास के पास आ गया है। लेकिन देपालपुर एसडीएम होने के नाते मैं वहां के सरकारी स्कूलों की जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त करवाऊंगा।