गोल्डन पार्क मेंखेत में प्लाट काटे तो सिरपुर में नोटरी पर कब्जे दे डाले
शहर सीमा के बाहर हर रोड़ पर धड़ल्ले से कट रही है अवैध कॉलोनियां
इंदौर। शहर के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों अवैध कॉलोनियों की भरमार हो गई हैं। हर तहसील में दो से तीन अवैध कॉलोनियां पूरी दबंगता के साथ काटी जा रही है। इनमें से कुछ ने रेरा की अनुमति भी नहीं ली और प्लाटों के पैसे लेना शुरु कर दिये हैं। जबकि जमीन पर किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं हो रहा है। कई जगहों जमीन पर भी खेती की जा रही है। ऐसे दो मामले नगर निगम सीमा में ही दिखाई दे रहे हैं। हातोद तहसील कांग्रेस के एक बड़े नेता के संरक्षण में बिना अनुमति खेत की जमीन ही बेची जा रही है यहां पर गोल्डन पार्क का बोर्ड लगा रखा है। जिन लोगों ने प्लाट खरीदे थे अब उन्हें धमकाया जा रहा है। दूसरी ओर मल्हारगंज तहसील के ग्राम सिरपुर में खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास किसानों से एग्रीमेंट करके ही प्लाट बेच दिये गये हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन शहर की अवैध कॉलोनियों को लेकर कहीं पर भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
हातोद के ग्राम पालाखेड़ी में मनवीरसिंह छाबड़ा द्वारा बिना टाउनशिप विकसित किये और बिना रेरा की अनुमति के खेत पर ही प्लाट काट दिये गये हैं। इस मामले में जानकारी लेने पर पता लगा कि २५ से अधिक लोगों से ४-४ लाख रुपए लेकर उन्हें भूखंड का आवंटन पत्र दे दिया गया है। इसकी रसीद देने के बाद अब मनवीरसिंह छाबड़ा मिल नहीं रहे हैं। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि गोल्डन पार्क को किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई है। अभी तक डायवर्सन और विकास अनुमति भी नहीं ली गई है। यह कॉलोनी हातोद के ग्राम पालाखेड़ी के खसरा नं. १४/१/२ पर काटी गई है। इसमे कुछ सरकारी कांकड़ का हिस्सा भी शामिल है। कलेक्टर को इस मामले में दस्तावेज दिये गये हैं। मनवीरसिंह छाबड़ा पैसे मांगने आने वालों को धमका रहे है और सज्जन वर्मा के नाम की धौंस दे रहे है। दूसरी ओर नगर निगम सीमा के वार्ड नं. १ के तहत सिरपुर में खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास किसी से एग्रीमेंट करके नोटरी पर प्लाट के कब्जे दिये जा रहे हैं। प्लाट की बिक्री फारुख पठान और नोटरी सिद्धिकी एहमद द्वारा की जा रही है। धार रोड़ की सिरपुर की सर्वे नं. १२६/३ पर टीन की बाउंड्रीवाल बनाकर यहां पर ६०० और १२०० वर्गफीट के भूखंड बेचे जा रहे हैं जिस पर मकान भी बनना शुरु हो गये हैं। कॉलोनी के अंदर सड़क का कोई निर्माण नहीं है बताया जा रहा है कि नोटरी करने वालों को एक प्लाट की नोटरी करने के तीन हजार रुपए मिल रहे हैं। इस मामले में फारुख पठान से भी कोई संपर्क नहीं हो पाया है। अभी तक कलेक्टर को इस क्षेत्र के राजस्व निरिक्षक पंकज यादव और पटवारी ने भी कोई जानकारी नहीं दी है।