बिना रेरा और विकास अनुमति काटकर बेच दी गोल्डन पार्क

प्लाट होल्डर को नहीं दे रहे कब्जा, जमीन को लेकर विवाद की सूचना

इंदौर। ग्राम पालाखेड़ी में गोल्डन पार्क के नाम से बिना अनुमति टाउनशिप विकसित किये जाने और प्लाट बेचने का मामला सामने आया है। इस टाउनशिप के लिए रेरा सहित अन्य विभागों से कोई अनुमति नहीं है। कई लोगों से कच्ची जमीन दिखाकर भूखंड के लिए राशि भी ली गई है। अब विवाद बढ़ने पर कालोनाइजर पैसे देने के लिए भी तैयार नहीं है। दूसरी ओर इन्हीं प्लाटों को फिर से बाजार में बेचने की तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस के एक बड़े नेता के साथ मिलकर मनविरसिंह छाबड़ा ने गोल्डन पार्क के नाम से ग्राम पालाखेड़ी तहसील हातोद में एक टाउनशिप विकसित की जा रही है। यहां पर अभी भी खेतीबाड़ी ही हो रही है। दूसरी ओर इस जमीन पर किसानों से विवाद भी बताया जा रहा है। परंतु इसके बाद भी मानवीरसिंह छाबड़ा ने टाउनशिप का नक्शा बनाकर बिना रेरा की अनुमति प्राप्त हुए बाजार में बेचना प्रारंभ कर दिया। प्रारंभिक स्थिति में कई लोगों से बड़ी राशि एडवांस के रुप में प्राप्त कर ली। दूसरी ओर जब यहां पर रेरा की अनुमति के अलावा अन्य स्वीकृतिभी मांगना प्रारंभ की तो मनवीर सिंह छाबड़ा ने धमकाना शुरु कर दिया। इस मामले में लिखित शिकायत जिलाधीश को भी मय दस्तावेजों के साथ की गई है। मनवीरसिंह छाबड़ा प्लाट खरीदने वालों से पचास प्रतिशत से अधिक राशि बिना विकास के लेना चाहते हैं। जबकि डायवर्शन और विकास अनुमति दोनों ही अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है। टाउनशिप में किसी भी प्रकार का विकास कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। प्लाट होल्डरों द्वारा भूखंड की जानकारी मांगने पर उन्हें धमकाया जा रहा है। इधर किसानों का कहना है कि उक्त भूमि पर हमारा लेनदेन बाकी है इसलिए यहां पर किसी प्रकार की कॉलोनी विकसित नहीं की जा सकती है। वहीं मनवीरसिंह छाबड़ा प्लाट होल्डरों को किसी भी प्रकार की सही स्थिति बताने को तैयार नहीं है। इसकी एक शिकायत आईजी को भी की गई है। मनवीरसिंह छाबड़ा ने इस मामले में अपना पक्ष देने से इंकार किया है।

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