विदेशी शराब की कीमतों में भारी वृद्धि की तैयारी

विदेशों से आने वाली शराब से ज्यादा खपत हो रही है,इंदौर से आधी कीमत पर मिल रही है शराब 20 किमी दूरी पर

इंदौर। एक ओर जहां अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए नए कानून लागू किए जाने को लेकर शिवराजसिंह सरकार ने सख्त नियमों के साथ इसे स्वीकृति दे दी है, दूसरी ओर नए कानून में कई धाराओं को लेकर शराब ठेकेदार भी सहमत नहीं हैं। आने वाले दिनों में नए कानून के कारण शराब की कीमतों में भारी वृद्धि शुरू हो जाएगी। आश्चर्य की बात यह है कि ठेकेदारों की मोनोपाली और बढ़ने से शराब को लेकर भी विवाद होने की स्थिति बनी रहेगी। अभी ही जो विदेशी शराब इंदौर शहर में 1700 रुपए में बॉटल मिल रही है, वह देवास ठेके में 700 रुपए में उपलब्ध है और यही शराब 600 रुपए में पेटी के साथ इंदौर में भी चोरी-छिपे आ रही है। आबकारी विभाग अवैध शराब को ही जहरीली शराब के रूप में पकड़ने के बाद कार्रवाई करता है।
नए कानून से अब ठेकेदारों की चांदी होना शुरू हो जाएगी तो दूसरी ओर आबकारी अधिकारी भी दबिश डालने से मुक्त रहेंगे। पुराने कानून में वैसे भी पचास लीटर शराब यदि किसी वाहन से जब्त होती थी तो दस साल की सजा का प्रावधान किया हुआ था तो फिर नए कानून को लेकर कई पेचीदगियां आने वाले समय में सामने आ जाएंगी, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में कच्ची शराब का बड़ा कारोबार आदिवासियों द्वारा ही हो रहा है और इसे रोका जाना भी संभव नहीं है। इस शराब को जहरीली शराब में जब्त करने के कारण बड़ी तादाद में आदिवासी जेलों में पहुंच जाएंगे। वहीं दूसरी ओर नए कानून के बाद ठेकेदारों की मोनोपाली के चलते इसी महीने से शराब की कीमतों में भारी वृद्धि दिखाई देने लगेगी। वैसे भी अंग्रेजी शराब के ठेकेदारों को गोली कांड के विवाद में सौ करोड़ से ज्यादा का घाटा पहले महीने में हो चुका है। एक शराब ठेकेदार का कहना है कि सरकार की खुद नीयत और नीति साफ नहीं है। सरकार कोई भी हो, कांग्रेस या भाजपा, इस विभाग से जमकर पैसा समेटने के चक्कर में अवैध शराब के कारोबार को फलने-फूलने देती है। उदाहरण के लिए इंदौर में मोनोपाली के चलते जो शराब सत्रह सौ रुपए में उपलब्ध है, वही मात्र बीस किलोमीटर दूर क्षिप्रा में सात सौ रुपए में, मानपुर और डबल चौकी में छह सौ रुपए में मिल रही है, क्योंकि यहां ठेकेदारों की मोनोपाली नहीं है।

चार गुना ज्यादा खपत पर विभाग मौन
इंदौर में विदेशी शराब के नाम पर जमकर डुप्लीकेट शराब का कारोबार चल रहा है। स्कॉटलैंड में बनने वाली शराब की इंदौर में ही इतनी खपत है, जितनी कंपनी दस दिनों में बनाती है। पूरा दिन बनने वाली विदेशी शराब को केवल मुंबई में पुराया जा सकता है। डुप्लीकेट शराब के कारोबार में नामचीन शराब के ब्रांड शामिल हैं। रेड लेबल, जानी वाकर, ब्लैक लेबल, 869, ब्लैक एंड व्हाइट, ब्लैक डॉग सहित सभी शराब शहर में जमकर डुप्लीकेट बिक रही हैं। अभी तक आबकारी विभाग ने यह पता लगाने का प्रयास नहीं किया है कि कुल आने वाली शराब से चार गुना कैसे यह शराब बिक रही है।

एके सिंह और पिंटु भाटिया के नाम बाहर होंगे
अहाते पर कब्जे को लेकर हुए गोलीकांड में अर्जुन ठाकुर की लिखित शिकायत के बाद पुलिस ने शराब ठेकेदार ए.के. सिंह और पिंटू भाटिया को धारा 307 में अपराधी बना दिया था। अब पुलिस विभाग के ही अधिकारी दोनों को विवेचना में बाहर निकालने के लिए तैयारी कर चुके हैं। भारी राजनीतिक दबाव और ए.के. सिंह को बचाने के मंत्री स्तरीय प्रयास के बाद अब यह कार्रवाई धीरे-धीरे ढीली पड़ती जा रही है। दोनों ही शराब ठेकेदार चंद दिनों में मुक्त हो जाएंगे।

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