2 करोड़ रुपए महीने पर चलते थे शहर के अहाते

आकाश चावला ने 3 करोड़ रुपए देकर किया था अहातों पर कब्जा उज्जैन और मंदसौर में कारोबारियों के निर्माण तोड़े तो इंदौर में प्रशासन चुप क्यों?

इंदौर। शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के लिए अलग-अलग कानून को लेकर कई सवाल उठ रहे है। जहां मंदसौर व अन्य जगहों पर शराब के मामलों के उजागर होते ही अपराधियों के निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। जबकि इंदौर में किस राजनीतिक प्रभाव के चलते गुंडों के मकान बचाए जा रहे है। इंदौर के शराब के अहातों के ठेकों को लेकर हुए गोलीकांड के बाद में प्रशासन और पुलिस दोनों ने ही चुप्पी साध ली है। मंदसौर की फैली शराब घटना और उज्जैन के अवैध शराब के कारोबारी के निर्माणों को 24 घंटे में ही ध्वस्त कर दिया गया था। इधर शराब के सिंडीकेड पर अब कब्जे को लेकर खेमेबंदी शुरू हो गई है। फरार ए.के. सिंह के नदारद होने पर झांची के रमेशचंद्र राय अब शराब ठेकों पर कब्जा करने के लिए धमका रहे है।
गोलीकांड में फरार हेमू ठाकुर और अन्य को लेकर परिवारजन दावा कर रहे है कि पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं बताई है। दूसरी ओर पुलिस भी उन्हें फरार बता रही है। इधर शराब के ठेकों के कारोबार में अब नए सिंडीकेड को लेकर खींचतान शुरु हो गई है। उल्लेखनीय है कि शराब के पूर्व ठेकेदार ने सभी अहातों को चलाने के लिए आकाश चावला को 6 लाख रुपए प्रतिदिन में अहाते सौंपे थे। इसमें 50 अवैध अहाते भी शामिल है जिनकी कोई लाइसेंस फीस आबकारी में जमा नहीं होती थी। पूछताछ के बाद पुलिस दावा कर रही है कि आकाश चावला ने सभी अहातों पर फिर से कब्जे के लिए सतीश भाऊ के माध्यम से रमेशचंद्र राय को 3 करोड़ रुपए दिए है। सतीश भाऊ को अहातों के संभालने का ठेका आकाश चावला द्वारा दिया गया था। दूसरी ओर अहाते चलाने वाले गुंडों से भाव तय न होने के कारण उन्हें खाली कराने के लिए भी पूर्व ठेकेदार के माध्यम से दादागिरी चल रही थी। इधर खींचतान के चलते अभी तक बैंक ग्यारंटी नहीं दी गई है। ए.के. सिंह और पिंटू भाटिया अभी तक फरार है। शराब की दुकानों के विवाद में यदि लंबा खींचा तो 150 करोड़ से अधिक का नुकसान होना तय है। इसे लेकर 30 से अधिक शराब ठेकेदार चिंतित है। इधर इस बात को लेकर शहर में बड़ी चर्चा है कि मामूली गुंडों के मकान तोड़ने के नाम पर प्रचार करने वाला प्रशासन आखिर किस मंत्री के इशारे पर शराब के अवैध कारोबार करने वाले और गोली चलाने वाले गुंडों के मकान तोड़ने को तैयार नहीं है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि अब यह मामला भोपाल स्तर पर ही खेला जा रहा है। क्योंकि दोनों ही तरफ भाजपा के बड़े दिग्गज आमने-सामने हो रहे है।

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