पार्किंग माफिया कमा रहा 64 लाख की अवैध कमाई

कोठारी मार्केट सहित कई जगह बिना अनुमति चल रहा है कारोबार

इंदौर। नगर निगम अपना राजस्व बढ़ाने और शहर की पार्किंग व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रमुख स्थानों पर सशुल्क पार्किंग बना रहा है। मगर कोठारी मार्केट स्थित पार्किंग पर निगम के कर्मचारियों की मिली भगत से प्रतिमाह पांच लाख रूपए से ज्यादा के राजस्व की हानि हो रही हैं। अवैध पार्किंग की शिकायतें मिलने के बाद भी अधिकारियों का इस पर ध्यान नहीं जिससे नगर निगम को प्रतिवर्ष 64 लाख 80 हजार रुपए की हानि हो रही है। निगम को प्रतिवर्ष मिलने वाली लाखों रूपए की राशि निजी हाथों में जाने के बावजूद अधिकारी क्यों आंखें मुंद कर बैठे हैं यह समझ न तो यहां के व्यापारियों को आ रहा हैं ओर न ही वाहन चालकों को।
शहर में बढ़ती पार्किंग की समस्या से जुझ रहा नगर निगम जगह-जगह करोड़ों रूपए खर्च कर पार्किंग बना रहा हैं, मगर शहर के मध्य में स्थित कोठारी मार्केट की पार्किंग पर निगम के अधिकारियों का ध्यान ही नहीं, जिससे निगम को हर माह 5 लाख 40 हजार रूपए के राजस्व की हानि हो रही है। शहर के व्यस्ततम मार्केटों मे से एक कोठारी मार्केट की पार्किंग में एक चार पहिया वाहन 1 घंटे तक पार्क करने के नाम पर 30 रूपए का शुल्क अवैध रूप से वसूला जा रहा हैं। शुल्क लेने के बाद किसी भी प्रकार की कोई रसीद भी नहीं दी जाती है। यहां स्थित पार्किंग मेें इतनी जगह हैं कि एक समय में लगभग 50 चार पहिया वाहनों को पार्क किया जा सकता है। पार्किंग के नाम पर 1 दोपहिया वाहन से 30 रूपए पार्किंग शुल्क एक घंटे के नाम पर लिया जाता है। यहां की पार्किंग में इतनी जगह हैं कि एक घंटे में 50 वाहनों आसानी से पार्क हो रहे हैं। इन 50 वाहनों का शुल्क 1500 रुपए होता हैं। सुबह 10 से रात 10 तक 12 घंटों में 18 हजार रूपए, तथा 30 दिन में 5 लाख 40 हजार रुपए एक ही पार्किंग से कुछ लोग अवैध वसूली कर नगर निगम के राजस्व को हानि पहुंचा रहे हैं। यही आंकड़ा एक साल में 64 लाख 80 हजार रूपए पहुंच जाता हैं। यह राशि निगम के खाते में जाने की जगह कुछ निजी हाथों में पहुंच रहे हैं, बावजूद इसके नगर निगम इस और ध्यान नहीं दे रहा है। इसकी जानकारी होने के बावजूद भी निगम के अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। आस-पास के व्यापारियों का कहना हैं कि इस पार्किंग में ज्यादातर सम्रांत घर के लोग ही अपने वाहन पार्क करने आते हैं यही कारण हैं कि यह लोग 30 रूपए को लेकर विवाद नहीं करते, और जो विवाद करता हैं पार्किंग पर वसूली करने वाले उन्हें पैसा वापस कर चेतावनी भरे लहजे में कह देते हैं कि आइंदा यहां गाड़ी पार्क मत करना, वर्ना गाड़ी में किसी भी प्रकार की टूट-फूट के लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। ज्यादातर लोग परिवार के साथ होते हैं इसलिए हर प्रकार के विवाद से बचने के लिए 30 रूपए देकर अपनी लाखों की गाड़ी को अपनी इज्जत के साथ बचा लेते हैं। पार्किंग में अवैध वसूली करने वालों के बारे में लोगों का कहना हैं कि पार्किंग की अवैध कमाई का हिस्सा नगर निगम के कर्मचारियों को भी दिया जाता हैं। यही कारण हैं कि यह अवैध पार्किंग अभी तक बंद नहीं हुई और न ही इस पार्किंग का ठेका देने के लिए किसी प्रकार का टेंडर निकाला गया। पार्किंग को ठेके पर देने से निगम के ही कुछ कर्मचारियों की आमदानी बंद हो जाएगी।
हो चुकी हैं एफआईआर…
निगम के सूत्रों ने बताया कि कोठारी मार्केट में हो रही अवैध पार्किंग की शिकायत लगातार आ रही थी, इसलिए सितम्बर माह में तत्कालिन निगम उपायुक्त लता अग्रवाल ने इसकी जांच निगम के मार्केट विभाग की टीम से करवाई थी। जांच में यह साफ हुआ था कि 5-6 लोग लम्बे समय से यहां अवैध रूप से पार्किंग के नाम पर पैसा ले रहे हैं। इस पर निगम की तरफ से इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी।

You might also like