बंगाली ब्रिज की फाइनल डिजाइन २२ को आएगी
स्पान को लेकर उलझा विवाद खत्म होगा, अभी भी ब्रिज निर्माण में कई पेंच
इंदौर। बहुप्रतीक्षित बंगाली ओवरब्रिज से बेहतर यातायात का रास्ता अब लगभग खुलने जा रहा है। मुंबई आईआईटी के तकनीकी सलाहकार लोक निर्माण विभाग को फाइनल डिजाइन गुरुवार 22 जुलाई को सौंप देंगे। इसमें पीलर के स्थान पर अब स्पान डालकर ही इसका निर्माण किया जाएगा। पीलर के कारण आने वाले समय में यहां वाहनों का बड़ा जाम लगने की संभावना को देखते हुए यह परिवर्तन किए गए हैं। अब इस डिजाइन को स्वीकृति मिलने के बाद ब्रिज का निर्माण फिर से प्रारंभ हो सकेगा। इससे ब्रिज की लागत में वृद्धि भी होगी।
लोक निर्माण विभाग के सूत्रों ने बताया कि बंगाली चौराहा पर यातायात का अत्यधिक दबाव बना रहता है। अलसुबह से लेकर देररात कर हर प्रकार के वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। इस चौराहे के यातायात के दबाव को कम करने बंगाली ब्रिज की योजना बनाई गई थी। तीन साल से ब्रिज का काम चल रहा था। पिछले माह चौराहे से स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा हटाई गई थी। इसे अन्यत्र स्थापित किया जा रहा है। इसके बाद निर्माण एजेंसी ने काम शुरू किया था कि स्पान की चौड़ाई को लेकर विवाद हो गया। तकनीकी रुप से भी ब्रिज निर्माण में रुकावटें आने लगी थी। इस रुकावट को दूर करने पर मंथन चल रहा था। इसी बीच पीलर और स्पान को लेकर जनप्रतिनिधि लामबंद हो गए और विरोध पर उतर आए। जिस तरीके से विरोध हो रहा था, उसे सभी ने जायज माना था। इसके बाद शहर के आर्किटेक्टों ने भी नई डिजाइन को लेकर अपने सुझाव दिए थे। लोक निर्माण विभाग ने स्पान की चौड़ाई 20 मीटर रखी थी। जनप्रतिनिधियों का कहना था कि स्पान की चौड़ाई कम होने से भारवाहक वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी। वहीं, ब्रिज की औपचारिकता खत्म हो जाएगी। यानि, जिस यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ब्रिज तैयार किया जा रहा है, वह ब्रिज के बाद भी जस का तस रहेगा।
इनका कहना है
डिजाइन को लेकर मुंबई आईआईटी कंपनी ने सुझाव मांगे है। आईआईटी द्वारा यातायात और अन्य सुविधाओं पर विचार करने के बाद डिजाइन को फायनल किए जाने के बात कही है। संभव है आईआईटी बेहतर डिजाइन तैयार कर सौपेगी।
– अतुल सेठ, आर्किटेक्ट