पहले चरण में तीन हजार बच्चों के लिए अस्पताल रहेंगे तैयार
पीसी सेठी, हुकुमचंद पॉली क्लिनिक में 300 से अधिक बेड, सभी जगह पीआईसीयू, आईसीयू बेड बढ़ेंगे
इंदौर। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। इसके लिए इंदौर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां और तेज कर दी हैं। लगभग तीन हजार बच्चों के इलाज के लिए पहले चरण में इंदौर में संसाधन जुटाए जा रहे है। निजी और शासकीय अस्पतालों में 1500 बेड के साथ इसी हिसाब से दवाई, इंजेक्शन आदि जरूरी चीजों का स्टॉक रखा जाएगा। चाचा नेहरू अस्पताल सहित पीसी सेठी और हुकुमचंद पॉली क्लिनिक अस्पताल में बेड तैयार होंगे।
महामारी की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। दूसरी लहर सबसे ज्यादा खतरनाक थी। इसमें इंदौर में एक दिन में हजारों मरीजों के साथ दर्जनों मरीजों की मौत भी हो रही थी। अब संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने चाचा नेहरू अस्पताल के अलावा पीसी सेठी अस्पताल और हुकुमचंद पॉली क्लिनिक अस्पताल में बेड तैयार करने शुरू कर दिए है। पीसी सेठी अस्पताल में 241 बेड और हुकुमचंद अस्पताल में 60 बेड रहेंगे। इनमें दोनों ही स्थानों पर करीब 50 बेड आईसीयू के होंगे। इसके अलावा दवाई, इंजेक्शन, ऑक्सीजन जैसी सबसे जरूरी चीजों के लिए भी पर्याप्त स्टॉक होगा। सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सेतिया के अनुसार इंदौर में बच्चों के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। 1500 कुल बेड की तैयारी की जा रही है। इसमें से लगभग एक हजार बेड निजी अस्पतालों में होंगे।
निजी अस्पतालों में एक हजार बच्चों के लिए दवा, इंजेक्शन का स्टॉक होगा
शासकीय अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी बच्चों के इलाज के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए गए है। जिन अस्पतालों में सिर्फ बच्चों का इलाज होता है उन्हें विशेष रूप से सारी सुविधाएं मुहैया करानी होगी। लगभग एक हजार बेड निजी अस्पतालों में बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे। यदि तीसरी लहर आई और बच्चों पर इसका ज्यादा असर हुआ तो प्राथमिकता में इन अस्पतालों में बच्चों का इलाज होगा। आईसीयू, पीआईसीयू, वेंटीलेटर आदि की संख्या अस्पतालों में बढ़ाई जाएगी। शासकीय अस्पतालों में भी 2 से 3 गुना संख्या आईसीयू बेड की की जाएगी। दवाइयों में एंटी वायरल दवाइयां अधिक मात्रा में अस्पतालों में रखी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें हर दिन निगरानी करेंगी।
हर अस्पताल में अलग से रहेगी एम्बुलेंस
अस्पतालों में एम्बुलेंस की भी बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था रहेगी। एक अस्पताल में एक एम्बुलेंस सिर्फ बच्चों को ही आवश्यकतानुसार घर से अस्पताल लाएगी। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी इसी तरह से व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन ने सभी निजी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए है कि संभावित तीसरी लहर के लिए इलाज की पूरी तैयारी रखे। आईसीयू, पीआईसीयू बेड आदि की कमी नहीं हो, दवाई, इंजेक्शन, ऑक्सीजन भी पर्याप्त हो।