20 प्रतिशत टीडीएस खातों से सीधे काटने की तैयारी

पता ही नहीं लगेगा और वृद्धों के खातों से कट जाएगी बड़ी राशि

नई दिल्ली (दोपहर आर्थिक डेस्क)। केंद्र सरकार के एक नए आदेश ने दस लाख से अधिक मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि बैंक अपने सभी डिपाजिट होल्डरों से और कंपनियां अपने सभी शेयर होल्डरों से ब्याज और डिविडेंड के भुगतान के समय डबल रेट पर टीडीएस काटे। इनमें उन लोगों को शामिल किया गया है, जिनके खाते या इनकम टैक्स जानकारी आधार से लिंक नहीं है। दूसरी ओर बैंक और कंपनियां बड़े पैमाने पर खाताधारकों को नोटिस भेजकर यह राशि वसूलने के निर्देश दे रही हैं।
सरकार के इस निर्णय से सबसे ज्यादा उन्हें असर होगा, जो बैंक खातों में रखे पैसों या कंपनियों के लिए गए शेयर का हिसाब-किताब रखने में कमजोर हैं। उनके खातों से यह राशि बिना बताए ही कटती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि देश में दस लाख करोड़ का डायरेक्ट टैक्स आता है। इसका चालीस प्रतिशत हिस्सा टीडीएस से जमा होता है, यानी चार लाख करोड़ रुपया अभी टीडीएस से आ रहा है। अब टीडीएस बीस प्रतिशत काटे जाने से यह राशि मध्यमवर्गीय परिवारों के खातों से आठ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। बैंक भी इस मामले में मेहनत न करते हुए सभी ग्राहकों को नोटिस देकर जानकारी मांग रही है और इसके लिए मेल बॉक्स में जानकारियां भी दी जा रही हैं। इसमें पूछा जा रहा है कि उनका आधार कार्ड, पेन नंबर से जोड़ा गया है या नहीं। जिन लोगों को यह सूचना नहीं है, उनके खातों से राशि कटना शुरू भी एक जुलाई से हो गई होगी। इसका सबसे ज्यादा असर उन वृद्धों को पड़ेगा जो पैंशन के पैसों पर अपना कामकाज चलाते हैं। साथ ही खातों के रखरखाव को लेकर भी वे ज्यादा सक्रिय नहीं रहते हैं। उन्हें रिफंड के लिए कई दस्तावेजी प्रक्रिया से गुजरना होगा। इससे उन्हें मानसिक तनाव भी रहेगा।

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