कच्चे तेल के बाजार में फिर भारी तेजी

नई दिल्ली। दुनिया भर में अग्रणी कच्चे तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस की बैठक में कुछ कंक्रीट फैसला नहीं हो पाया। अगस्त से अक्टूबर की तिमाही के दौरान कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। यही नहीं, इस संगठन की अगली बैठक कब होगी, इसका भी कोई खुलासा नहीं हुआ। इससे कच्चे तेल के बाजार में नकारात्मक संदेश गया और कल फिर इस कमोडिटी में भारी तेजी दर्ज की गई।
इधर, घरेलू बाजार में देखें तो आज सरकारी तेल कंपनियों पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई फेरबदल नहीं किया। इससे एक दिन पहले ही पेट्रोल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की तेज बढ़ोतरी हुई थी लेकिन, डीजल को छुआ भी नहीं गया था। मंगलवार को दिल्ली के बाजार में इंडियन ऑयल के पंप पर पेट्रोल 99.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.36 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा। ऐसा देखा गया है कि अपने यहां जब कोई महत्वपूर्ण चुनाव होता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं बढ़ती। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चलने की वजह से बीते मार्च और अप्रैल में पेट्रोल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इसलिए, उस दौरान कच्चा तेल महंगा होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। लेकिन, बीते चार मई से इसकी कीमतें खूब बढ़ी।

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