सिरपुर तालाब: झोपड़पट्टों से उठ रहे धुंए से अप्रवासी पक्षियों पर गहरा संकट

धुंए के कारण पेड़ों से गिर रहे है पक्षी जमीन पर...

इंदौर (धर्मेन्द्र सिंह चौहान)। शहर के प्रमुख तालाबों में से एक सिरपुर तालाब प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद है। यही वजह हैं कि इस तालाब को लगभग 20 हजार पक्षियों का निवास स्थल माना जाता है। मगर इन दिनों तालाब के किनारे अतिक्रमण कर झुग्गी बनाकर रह रहे लोगों द्वारा कचरा जलाया जा रहा है। जिससे यहां न सिर्फ प्रवासी पंक्षियों की आमद कम हो रही वहीं यहां रहने वाले पंक्षियों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। धुंए के कारण सुबह कई पक्षी वृक्षों से जमीन पर गिरे मिलते हैं। इसकी शिकायत भी नगर निगम को की जा चुकी है। दूसरी ओर बड़ी तादाद में सिरपुर तालाब पर खाली पड़ी जमीन पर झोपड़े तन गये हैं जो अवैध काम भी यहां पर चला रहे हैं।
सिरपुर तालाब की पाल से किनारे बसी बस्ती में रहने वाले लोगों द्वारा इन दिनों बड़ी संख्या में कचरा जलाया जा रहा है। जिससे तालाब में आने वाले प्रवासी और स्थानीय पंक्षियों का रहना मुश्किल हो रहा है। तालाब के आस-पास जलाए जा रहे कचरे के कारण मध्य प्रदेश का स्टेट बर्ड एशीयन पैराडाइज फ्लाई कैचर कभी-कभी ही दिखाई देता है। सिरपुर तालाब में 150 तरह की प्रजातियों के करीब 20 हजार पक्षी रहते है। इनमें से ज्यादातर पक्षियों ने अपना प्रिय प्रजनन स्थल इसी तालाब को बना रखा है। यही कारण हैं कि सिरपुर तालाब में 50 तरह की प्रजातियों के ऐसे पक्षी भी हैं जो प्रतिवर्ष अन्य देशों से यहां आते है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर भालू मोंडे का कहना हैं कि इसी तरह यहां पर कचरा जलाया जाता रहा तो इन पक्षियों की संख्या दिनों दिन कम होती जाएंगी। यहां आने वाले पक्षियों से सबसे प्रमुख हैं मध्य प्रदेश का स्टेट बर्ड एशीयन पैराडाइज फ्लाई कैचर जो विलुप्त प्रजातियों में शामिल है। अगर नगर निगम ने तालाब के आस-पास जलाए जा रहे कचरे पर रोक लगाने के साथ ही तालाब के संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया तो यहां प्रवासी पंक्षियों का आना बंद या कम हो जाएगा। नगर निगम तालाब की सूध लेने के साथ ही इसे जल्द ही साइलेंस जोन घोषित कर देना चाहिए। जिससे तालाब का वातावरण दूषित होने से बचा रहेगा और प्रवासी पक्षियों का आना-जाना भी बना रहेगा। 450 एकड़ में फैला सिरपुर तालाब कई विशेषताएं समेटे हुए है। इसी वजह से यह प्रकृति प्रेमियों के साथ साथ बर्ड वाचिंग में रुचि रखने वालों का पसंदीदा जगह बनी हुई है। तालाब में देश-विदेश से करीब 150 तरह की प्रजातियों के पक्षी अपना बसेरा बनाने के लिए इस तालाब को चुनते है। विदेशी पंक्षियों को देखने के लिए पर्यटक और पंक्षी प्रेमी यहां आते है। शहर के लोगों के लिए आउटिंग के साथ प्रकृतिक के करीब रहने के लिए यह तालाब काफी सुकून देता है। जिसके चलते यहां शहर के ज्यादातर लोग भ्रमण के लिए यहां आना पसंद करते है।

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