राफेल घोटाले में फ्रांस सरकार ने जांच के लिए जज नियुक्त किया

डील में करोड़ों के भ्रष्टाचार में कई वीआईपी उलझे

नई दिल्ली। जहां भारत सरकार ने फ्रांस से हुई राफेल डील में क्लीन चिट दे दी है, तो वहीं फ्रांस सरकार ने इस घोटाले में जांच को लेकर एक जज की नियुक्ति की है। राफेल डील में 7.8 बिलियन का भुगतान हुआ था, जिसे लेकर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाए गए थे। इसमें असाल्ट एवेएशन के अधिकारियों के साथ कई और लोग भी जुड़े हुए हैं।
राफेल डील का मामला उस समय ज्यादा चर्चा में आया जब अनिल अंबानी को 21 हजार करोड़ रुपए का कमिशन दिए जाने की बात सामने आई। प्रारंभ में 36 लडाकू विमानों के लिए यह सौदा 7.8 बिलियन यूरो यानी करीब 59 हजार करोड़ रुपए का है। फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने बताया कि 14 जून को एक मजिस्ट्रेट द्वारा मामले की आपराधिक जांच शुरू की गई थी। जांच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जो राफेल सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे, और वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो उस समय वित्त मंत्री थे उनके कामकाज को लेकर भी सवाल किए जाएंगे। तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी जुड़ी चीजों को लेकर पूछताछ हो सकती है।
64000 करोड़ का घोटाला
भारत ने कुल 36 राफेल के लिए के सौदों में 64000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला होने के आरोप हैं। एक विमान की कीमत 1670 करोड़ रुपए बताई गई है। मोदी सरकार का कहना है कि सरकार ने बैसिक एयरक्राप्ट की जगह हथियारों से लेस एयरक्राफ्ट खरीदने की डील की है। इस नाते उसकी कीमत ज्यादा हो गई है। इसमें 126 राफेल की जगह 26 राफेल विमानों की दौबारा डील हुई है। अब फ्रांस सरकार ने इस मामले में जज की नियुक्ति कर दी है। भ्रष्टाचार में कई वीआईपी भी उलझ गए हैं।

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