बाजार हाहाकार, 16 लाख निवेशक कंगाल 19 अरब डॉलर स्वाहा
भारत सहित एशिया के सभी बाजार ओंधे मुंह

मुंबई (ब्यूरो)। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के ऐलान के बाद एशियाई शेयर बाजारों में जोरदार सुनामी आने के बाद बाजार लहुलूहान हो गया। भारी गिरावट का असर आज भी देखने को मिला। भारत में शेयर बाजार 300 अंकों की गिरावट के साथ शुरू हुआ। इधर शुक्रवार को क्रिप्टो बाजार में हाहाकार मचने के बाद बिटक्वाइन, इथोरियम और डायकॉम धराशाही हो गए। 16 लाख निवेशक क्रिप्टो करंसी में कंगाल हो गए। एक घंटे में 7 अरब डॉलर स्वाहा हो गए। कुल निवेशकों के 19 अरब डॉलर टूट गए।
कॉइनडीसीएक्स के को-फाउंडर सुमित गुप्ता ने कहा कि 1 अक्टूबर को प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग वॉल्यूम 1.1 करोड़ डॉलर था, जो 10 अक्टूबर को बढक़र 3.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया।उनके अनुसार, इनवेस्टर्स खासकर बिटकॉइन और एथेरियम जैसे टॉप टोकंस में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 16 लाख से ज्यादा ट्रेडर्स को नुकसान हुआ है। अब प्रेसिडेंट ट्रंप के एक ट्वीट ने क्रिप्टोकरंसी और ग्लोबल मार्केट में फिर से रिकवरी ला दी है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा की चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। उनके इस बयान के बाद बिटकॉइन और एथेरियम में तेजी आ रही है।
शेयर मार्केट में सोमवार को कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई और ओपनिंग बेल के साथ ही सेंसेक्स 452 अंकों की गिरावट के साथ 82049 के लेवल पर खुला, जबकि निफ्टी 108 अंकों की गिरावट के साथ 25177 के लेवल पर खुला. बाज़ार खुलते ही निचले लेवल से कुछ बाइंग लेकर ऊपर की ओर आया, लेकिन उसमें सेलिंग प्रेशर देखा जा रहा है। कारोबार की शुरुआत में ही निफ्टी 25200 के नीचे चला गया. इस दौरान निफ्टी 50 इंडेक्स के कुछ स्टॉक गिरावट में आए गए जिनमें ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, अडानी एंटरप्राइजेज, एलएंडटी, टाटा स्टील जैसे काउंटर टॉप लूज़र्स में दिख रहे हैं।
अमेरिका-चीन ट्रेडवार के ताजा संकेतों के बाद आज एशियाई शेयर बाजारों की शुरुआत कमजोर रही। पहले से ही महंगे हो चुके बाजारों में घबराहट फैल गई है। हालांकि वॉल स्ट्रीट वायदा में उछाल के साथ जोखिम की भावना मजबूत होने के संकेत मिल रहे हैं। जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के कारण शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। जापानी और यूरोपीय बाजारों पर अभी भी राजनीतिक अनिश्चितता की तलवार लटकी हुई है। दूसरी ओर ट्रंप के टैरिफ के चलते भारत के उद्योगों में कामकाज या तो बंद हो चुका है या फिर 50 प्रतिशत से भी कम है। इसके चलते निर्यात उद्योगों में लगे 10 करोड़ परिवारों की दीपावली इस बार काली होने जा रही है।