Sulemani Chai: कमजोर रही रफत की रफ्तार…चंद लोगों का चंदा…बाबा नहीं रहे बाबा

सुलेमानी चाय

कमजोर रही रफत की रफ्तार


साल भर बाद भी प्रदेश हज कमेटी ढ़ाई कोस भी नही चल सकी, पिछले साल हाजियो को जितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था अबकी बार उससे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ेगी। पिछली बार सबसे बड़ी समस्य एम पी, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यो में पचास हजार रुपये तक का डिफ्रेंस था , जिसको लेकर अभी तक प्रदेश हज कमेटी कोई समाधान नही निकाल पाई है । इसके अलावा दूसरी ससमस्या अपनी जगह है । कुल मिलाकर शतरंज का घोड़ा कम से कम अढाई कोस तो चलता है, मगर हमारी प्रदेश हज कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सालभर से सिर्फ लाल बत्ती के ही मजे ले रहे है। अब साहब टाइम तो कम बचा है, लेकिन अगर अब भी प्रदेश हज कमेटी ने रफ्तार नही पकड़ी तो हाजियो की हाय कही न कही मुसीबत का सबब बन सकती है ।
चंद लोगों का चंदा
लुनियपुरा में जर्जर दीवार के लिए पुरानी कमेटी के कुछ चन्दाखोरो ने चंदा शुरू किया। मोजूदा सदर ने कब्रस्तान में बोर्ड लगा चंदा न देने ऐलान कर दिया । 10 लाख की दीवार एक ही समाज ने बनाने की जिम्मेदारी ले ली। निर्माण शुरू हो चुका है । लुनियपुरा सदर की सलाह पर खोजा समाज ने पूरी जिम्मेदारी संभाल ली है। जिससे चंदा खोरो की दुकान बंद हो गई है। ये वही चंदे बाज है जो पहले ही भाजपा की सरकार बनने से परेशान थे। भोपाल की दौड़ भी बेकार हो गयी सोचा था कांग्रेस आ जयगी ओर अपनी चलेगी। सब मंसूबे बेकार हो गए ऊपर से खर्च हो गया सो अलग। सदर ने वक़्त से पहले ही चंदे वाले हाथ काट दिए ,,,,,, खेर सदर से जिसने भी पंगा लिया निमट रहा है। इनके खिलाफ न किसी का राज बचा न किसी की वकालत चाचा के भतीजे जमा हुए सो मुनाफे मे ।
बाबा नहीं रहे बाबा
अपने भोले स्वभाव के चलते बाबा का तमग़ा अपने नाम कर चुके पांच नम्बर के विधायक महेंद्र हार्डिया अबकी बार थोड़े सख्त हो चले है ।तभी तो इस बार खजराने में रिमुव्हल की कार्रवाही पर बीजेपी के कई नेताओं के घर छोटे हो गए । ओर लाख कोशिशों के बाद भी कार्रवाही नही रुकी । इसी के साथ बाबा ने किसी का फोन तक नही उठाया अब भय्या फोन किस किस का नही उठा ये पर्दे की बात है पर्दे में रहे तो ही बेहतर है वरना बेचारे चुटभय्या ओर बड़े भय्या अपनी ही नजरो में शर्मशार हो जयंगे।
जिसके पीछे दावत, चादर, सांफे को ठुकराया
वही जा पहुंचे स्वागत करने,
जुम्मे रात को नियाज़ अली सरकार पर चादर पैश कर दावत का इंतज़ाम था साथ मेहमानो की सांफ़ा बांद इस्तकबाल भी था चुकी पुरानी कमेटी को वक्त खत्म होने से पहले हटाया गया था हटने और बनने वाले दोनो भाजपा मोर्चा के है इसलिए पुराने अध्यक्ष से तआलुक वजह से सम्मान के साथ, दावत को भी दरकिनार किया, पर पुराने सदर खुद ही सांफा हार लेकर गोलू की गुगली पर आउट हो गए, अब ना जानें वालो को एहसास हो रहा है कि धोबी के कुर्ते न घर के न घाट के।

You might also like