ड्रोन का 24 खरब का सौदा स्थगित किया

अमेरिका ने कहा भारत सरकार में कौन उसके नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल है, बताएं

Drone deal worth Rs 24 trillion postponed
Drone deal worth Rs 24 trillion postponed

वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत के साथ हुए बड़े रक्षा सौदे पर रोक लगा दी है। इस रक्षा सौदे में भारत को 31 सीएमडी-9 गाड़ियां मिलनी थी, जो ड्रोन के लिए होती हैं। इनसे 31 ड्रोन दिए जाने थे। इसके अलावा 6पी-8आई बोइंग का सौदा बी रोक दिया गया है। इस सौदे को रोकने के पीछे अमेरिका सरकार की बड़ी नाराजगी भारत को लेकर सामने आई है जिसमें भारत के खुफिया विभाग के कर्मचारी द्वारा अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए एक लाख डालर की सुपारी देने का मामला सामने आया था। इसे चेकगणराज्य में गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इसे अमेरिका लाया जा रहा है। अमरीका की खुफिया एजेंसी का दावा है कि इस हत्या की साजिश में भारत सरकार के कुछ लोग शामिल हैं।

अमेरिकी दैनिक में छपी खबर के अनुसार अमेरिका ने पहली बार भारत के साथ हुए रक्षा समझौते को स्थगित कर दिया है। यह सौदा 3 बिलियन डालर का था। जिसमें भारत को 31 ड्रोन युद्ध क्षेत्र के लिए दिए जाने थे। इनमें से एक-एक ड्रोन की कीमत 800 से 900 करोड़ रुपए थी जो पूरी सुरक्षा के साथ दुश्मनों के क्षेत्र में जाकर हमले कर वापस लौट सकते थे। इनमें से 15-सी गाड़ी ड्रोन्स इंडियन नेवी को मिलने थे, 8 ड्रोन आर्मी को और 8 ड्रोन एयरफोर्स को दिए जाने थे। इसके अलावा सीमा की सुरक्षा के 6 बोइंग पी-8आई भी दिए जाने थे। अब अमेरिका ने इस पूरे सौदे पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि भारत के नागरिक और खुफिया विभाग में कार्यरत अधिकारी निखिल गुप्ता को अब पूछताछ के लिए अमेरिका लाया जा रहा है। अमेरिका में निखिल गुप्ता अमेरिकी नागरिक गुरुपंतवंत सिंह पुन्नू की हत्या की साजिश रच रहे थे। एक लाख डालर की सुपारी अमेरिकी हत्यारों को देने का मामला सामने आया था। इसके बाद निखिल गुप्ता को चेकगणराज्य में गिरफ्तार कर लिया था। पुन्नू खालिस्तानी आतंकी बताया जा रहा है। इसके पहले कनाडा में हुई दो हत्याओं को लेकर भी कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत पर हत्या कराने का आरोप लगाया था। अब अमेरिका ने अपने नागरिक की हत्या के षड्यंत्र में भारत का हाथ होने के बाद सख्त रवैया अपनाया है। इधर यह मामला इसलिए उजागर हुआ कि निखिल गुप्ता ने जिसे हत्या की सुपारी दी थी वह असल में अमरीका की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था और उनका अंडर कवर एजेंट था। अमेरिका सरकार की नाराजगी यह है कि लगातार आग्रह के बाद भी भारत ने इस मामले में कोई जांच में सहयोग नहीं दिया है जबकि अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को भी काली हाथ लौटा चुका है इसलिए अब अमेरिका भारत के खिलाफ नए कदम उठा रहा है।

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