इंदौर। दो दिन पहले प्रर्वतन निदेशालय की भोपाल टीम के नेतृत्व में एक साथ दस से अधिक स्थानों पर छापे की कार्रवाई की गई इसमे उद्योगपति और जमीन कारोबारी कैलाश गर्ग के जावरा, कालापीपल के अलावा भोपाल-इंदौर में भी कार्रवाई की गई। ७५० करोड़ के बैंक घोटाले में कैलाश गर्ग के यहां पहले भी सीबीआई और आयकर और जीएसटी की कार्रवाई इसी मामले में हो चुकी है। सीबीआई एक एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। इसी मामले में दो दिन पहले जमीन कारोबारी रितेश अजमेरा उर्फ चम्पू के यहां भी ईडी की टीम के अधिकारी पहुंचे थे परंतु पूछताछ के दौरान इस बैंक घोटाले से उनका कोई मामला नहीं मिला। इस मामले में ईडी ने योगिता अजमेरा के बयान भी दर्ज किए थे। दो घंटे में ही केवल बयान लेकर ईडी ने अपनी कार्रवाई यहां समाप्त कर दी थी जबकि कैलाश गर्ग के यहां कल शाम तक दस्तावेजों को छानने का काम जारी रहा। पहले यह मामला ११० करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का बताया जा रहा था।
प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों के अनुसार परसो तड़के छह बजे भोपाल से आई टीम ने एक साथ १२ से अधिक दुकानों पर कैलाश गर्ग के यहां छापे की कार्रवाई प्रारंभ की इसमे जावरा और कालापीपल की फैक्ट्रियों में भी ईडी की टीम के अधिकारी पहुंचे थे। इस दौरान कैलाश गर्ग के पार्टनर अर्जुन होतवानी के यहां से भी जमीनों के दस्तावेज जब्त किए गए। ईडी के सूत्रों के अनुसार कैलाश गर्ग ने इंदौर की सेटेलाइट हिल्स में टीएनसी द्वारा पास हुए नक्शों के बाद यहां की जमीन के खसरे बताकर अलग अलग बैंकों से लोन ले लिए थे। इसमे एक विदेशी बैंक के अलावा यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और कार्पोरेशन बैंक भी शामिल हैं। कुल मिलाकर ७५० करोड़ रुपये इन जमीनों के नाम पर अलग अलग तरीके से उठाये गये थे।
कैलाश गर्ग ने एवलांच रियलिटी प्रा.लि. कंपनी की जमीन को गिरवी रखकर नारायण निर्यात कंपनी में लोन उठाया था। ईडी को मिले दस्तावेजों में यह भी जानकारी मिली की इस जमीन पर पहले से ही सेटेलाइट हिल्स पर प्लाट बेचे जा चुके थे। इनमे पिछले दिनों सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद जिला कलेक्टर ने प्लाट होल्डरों को पजेशन भी दिलवा दिये। ऐसे में अब बैंकों का पैसा लेकर कैलाश गर्ग ने बड़ी धोखाधड़ी की है जो दस्तावेजों की जांच के बाद सामने आई है इस मामले में कुल बैंकों का ७५० करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इसमे सेटेलाइट टाउनशिप के खसरों पर पहले ११० करोड़ों के लोन उठाये गये हैं। ईडी की कार्रवाई कल दिन में भी कैलाश गर्ग के उद्योग के अलावा कार्यालयों में भी जारी रही। जबकि इसी मामले में सेटेलाइट हिल्स के रितेश अजमेरा के यहां भी दो दिन पहले सुबह सात बजे प्रर्वतन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पहुंची थी जहां पर उठाये गये बैंकों से उठाये गये कर्ज को लेकर जानकारी को लेकर बयान लिये गये। ईडी के अनुसार इस मामले में रितेश अजमेरा उर्फ चंपू ने अपने कथन में स्पष्ट किया कि इस लोन से उनका कोई लेना देना नहीं है। ना ही उन्होंने इस प्रकार के किसी कर्ज को लिया है और ना हिस्सेदारी है। वहीं किसी भी बैंक वे डिफाल्टर नहीं है। ईडी के अनुसार निलेश अजमेरा और योगिता अजमेरा के नाम पर किसी भी प्रकार का नोटिस जारी नहीं किया गया है और ना ही पूछताछ की गई है। कल शाम कैलाश गर्ग के यहां मिले सभी दस्तावेजों को लेकर भोपाल टीम वापस भोपाल रवाना हो गई है। इस दौरान हर परिसर में दस से पंद्रह अधिकारियों की टीमों ने जांच की थी। बैंकों के साथ धोखाधड़ी मामले में अब कैलाश गर्ग किसी भी दिन गिरफ्तार हो सकते हैं।