More than 1200 kidneys were sold in Apollo Hospital
नई दिल्ली (ब्यूरो)। भारत में गरीब देशों से युवाओं को लाकर उनकी किड़नी निकालकर बेचने के बड़े कारोबार का लंदन के द टेलीग्राफ अखबार ने भांडा फोड़ा है। अखबार का दावा है कि दिल्ली के इंद्रप्रस्थ स्थित अपोलो अस्पताल में यह कामकाज सरकार के कई अधिकारियों की देखरेख में किया जा रहा है।
अभी तक 1200 से अधिक किड़नियों का कारोबार हो चुका है। टेलीग्राफ के पत्रकारों ने अपने स्ट्रिंग ऑपरेशन में यह पूरी कार्रवाई उजागर की। एक किड़नी बदलने पर 80 लाख से 1 करोड़ तक का खर्च बताया गया।
द टेलीग्राफ के पत्रकारों ने सबसे पहले ऐसे दस्तावेज तैयार किए जिसमें परिवार की एक महिला को किड़नी चाहिए। परिवार में देने के लिए कोई भी सक्षम नहीं है। इस मामले में उसे म्यामार में अपोलो अस्पताल की ब्रांच पर भेजा गया। kidney racket apollo
यहां पर उसे किड़नी ट्रांसप्लांट के सारे खर्च बताए गए, जो उसने जमा किए। इस दौरान 27 साल के एक युवक को लाया गया और उसके दस्तावेज रिश्तेदार बताकर तैयार करवाए गए। इस ऑपरेशन के लिए उसे हिन्दुस्तान भी लाया गया।
यहां पर उसे पद्मश्री प्राप्त अपोलो अस्पताल के किड़नी ट्रांसप्लांट के मुखिया संदीप गुलेरिया से मिलवाया गया। द टेलीग्राफ में छपी खबर के अनुसार इसमें यह भी खर्च जोड़ा गया कि भारत में डॉक्टरों से इंटरव्यूह के दौरान कैसे उस युवक को परिवार का सदस्य बताना रहेगा। kidney racket apollo
बोर्ड में डॉक्टरों की फीस भी बताई गई। दो नंबर की राशि का पूरा लेन-देन नकद ही बताया गया था। इस खबर के छपने के बाद जहां भारत में मीडिया घरानों में चुप्पी बनी हुई है तो वहीं म्यामार और अन्य देशों में इसे लेकर कोहराम मच गया है। म्यामार में अपोलो की ब्रांच के कई डॉक्टर लापता बताए जा रहे हैं।