परिणामों से पहले दिग्गजों की कुर्सियां डोलने लगी
भोपाल (ब्यूरो)। 16वीं विधानसभा के लिए अब 72 घंटों का इंतजार शेष बचा है, जो प्रत्याशियों के लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है। इंतजार में उनकी धड़कनें बढ़ने लग गई है वहीं चुनाव परिणामों से पहले कई दिग्गज नेताओं की कुर्सियां भी डोलने लगी है। 67 साल के इतिहास में 77.5 फीसदी मतदान हुआ है जो अब तक का सबसे ज्यादा मतदान है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो महिलाएं जिनके साथ सत्ता उनके हाथ होगी।\
एमपी विधानसभा चुनाव के नतीजों से न सिर्फ प्रदेश की सरकार तय होगी बल्कि कई दिग्गज नेताओं की ताकत भी निर्धारित करेगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। अपने समर्थक विधायकों की संख्या की वजह से कांग्रेस में उनका वजूद था। उनकी नहीं सुनी गई तो उन्होंने कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी। उनके विधायकों की वजह से ही एमपी में फिर से बीजेपी की सरकार बनी है। इस बार उनके अधिकांश वफादार चुनावी मैदान में हैं। उन्हें अगर जीत मिलती है तो ज्योतिरादित्य सिंधिय की ताकत बीजेपी में बरकार रहेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। यही वजह है कि अपने समर्थकों की जीत पक्की करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी। ग्वालियर चंबल अंचल में उन्होंने इस बार धुआंधार प्रचार किया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के नतीजे ही पार्टी में उनको धाक तय करेगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में आने वाले अधिकांश बड़े चेहरों को टिकट मिल गया है। इनकी जीत पर ही महाराज का भविष्य निर्भर है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो एमपी विधानसभा चुनाव 2023 केंद्रीय मंत्री सिंधिया के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। उनका आगे का सफर बीजेपी में कैसा रहेगा, यह उनके समर्थकों की जीत पर निर्भर है। इसी तरह बीजेपी के अन्य नेताओं की साख भी दांव पर लगी है।