Indian Army deployed on Lebanon border in support of Israel
यरूशलम/नई दिल्ली। इजरायल-हमास के बीच जंग का आज 10वां दिन है। इजरायली डिफेंस फोर्सेज गजा पट्टी पर भारी बमबारी कर रहा है। इन दोनों की जंग के बीच लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी इजरायल पर अटैक कर रहा है। मसलन, इजरायल कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है। जंग में घिरे इजरायल की मदद के लिए हिंदुस्तान के सुरक्षाबल पहुंच गए हैं। भारतीय सुरक्षा बल इजरायल और लेबनान के बीच दक्षिणी सीमा पर बढ़ रहे तनाव के बीच निगरानी कर रहे हैं। यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स में बड़ी तादाद भारतीय सुरक्षा बलों और इंडियन सर्विसेज की है। भारतीय सुरक्षा बल ये काम यूनाइटेड नेशंस के पीस कीपिंग फोर्स के लिए कर रहे हैं।
वहीं, अल-जजीरा के मुताबिक हिजबुल्लाह ने एक लेबनानी पत्रकार और अन्य नागरिकों की हत्या के जवाब में उत्तरी इजरायल पर हमला करने का कहा है. हिजबुल्लाह का कहना है कि उसने लेबनानी पत्रकार इस्साम अब्दुल्ला और अन्य नागरिकों की हत्या के जवाब में उत्तरी इजरायल के शटौला में एक इजरायली सेना चौकी पर रॉकेट दागे हैं. घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दक्षिणी लेबनान में इजरायली फोर्सेज द्वारा शुक्रवार को की गई गोलाबारी में जर्नलिस्ट अब्दुल्ला की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे।
इजरायल ने समंदर के जरिए हमास की घेराबंदी शुरू कर दी है. लिहाजा अमेरिका के 2 विमान वाहक जंगी पोत भूमध्य सागर में इजरायल की मदद के लिए पहुंच गए हैं. अमेरिका के जंगी जहाज यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड और यूएसएस आइजनहावर को तैनात कर दिया गया है. उधर, कतर यूनिवर्सिटी में गल्फ स्टडीज सेंटर के निदेशक महजूब ज़वेरी ने कहा कि इजरायली की भारी बमबारी के कारण गाजा में नागरिकों के लिए कहीं भी सुरक्षित नहीं है. ऐसे में लोग उन जगहों की ओर जा रहे हैं, जहां उनके परिवार के सदस्य हैं. लेकिन गाजा का दक्षिण भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमने गाजा के उत्तर से दक्षिण की ओर जाने की कोशिश कर रहे लोगों पर हमले देखे हैं. आज गाजा में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है. पूरा गाजा एक युद्ध क्षेत्र है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कुद्रा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी द्वारा अपने केंद्रों को खाली करने के बाद गाजा पट्टी के 70 प्रतिशत निवासी अब स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पतालों की ओर जाने वाली सड़कें तबाह हो गई हैं. इसके चलते एम्बुलेंस कर्मचारियों को पीड़ितों को निकालने में बड़ी कठिनाई हो रही है।